बरेली । मतांतरण को लेकर दो समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए। दोनों पक्षों की तरफ से एक-दूसरे पर जान से मारने की धमकी,अभद्रता व गालीगलौज तथा आराध्यों पर अभद्र टिप्पणी का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने दोनों तरफ के लोगों की ओर से तहरीर लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
थाना सुभाषनगर के वंशीनगला नई बस्ती के भगवान दास,नीतू देवी,सुमन,सुनीता सहित दर्जनों महिलाओं ने पुलिस को दी 2 तहरीरों मे बताया कि सुबह वे पास के ही एजी चर्च मे प्रार्थना कर रहे थे,सुबह करीब 11 बजे केके शंखधार, हिमांशु पटेल के साथ बजरंग दल,हिंदू युवा वाहिनी और गोरक्षा दल के लोगों के साथ चर्च में घुस आये और प्रार्थना को रूकवा कर बाईबिल एवं अन्य धार्मिक ग्रंथों को फाड़ दिया। तहरीर मे हिंदूवादी नेताओं पर आधे घंटे मे शरीर से खाल उतारने और जान से मारने की धमकी देने और भविष्य मे घर मे घुसकर मारने का ऐलान करके भाग देने का आरोप लगाया गया है।
थाना सुभाष नगर मे दी गई तहरीर मे भगवान दास और महिलाओं का कहना है कि वे पिछले 15-20 बर्षों से चर्च मे स्वेच्छा से आकर अराधना कर रहे हैं और उन्होंने अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन किया था लेकिन हिंदूवादी संगठनों के लोग प्रार्थना के समय चर्च मे घुस आये और उन्होंने उनके प्रेयर को रूकवाकर उनके साथ छेड़छाड़ की और उनके साथ गालीगलौज करते हुए गुंडागर्दी पर उतारू हो गए।उनके साथ जबरदस्ती कर उन्हें प्रताड़ित करने का काम करने लगे।
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वहीं दूसरी तरफ के हिंदूवादी नेता हिमांशु पटेल और केके शंखधार की तरफ से भी थाने मे तहरीर देकर चर्च मे प्रलोभन व पैसों का लालच देकर हिंदूओं का बड़े पैमाने पर मतांतरण कर उनके धर्म परिवर्तन का आरोप लगाया गयाहै।तहरीर मे हिमांशू पटेल का कहना है कि वे सुबह सिटी शमशान भूमि के पास वंशीनगला स्थित एक मकान मे हिंदुओं के मतांतरण की सूचना पर पहुंचे तो उन्हें वहां बाईबिल और ईसाई धर्म से संबंधित ग्रंथों के माध्यम से सैकड़ों की संख्या मे हिंदू महिलाओं व बच्चों के ब्रेनवॉश कर उ़न्हे ईसाई धर्म की ओर आकर्षित करने का कार्य होता मिला। आरोप है कि जब उन्होंने जानने का प्रयास किया तो मिशनरी से संबधित लोगों द्वारा अभद्रता व गालीगलौज शुरू कर दी गई।जब इसका विरोध केके शंखधार ने किया तो उनके साथ धक्कामुक्की और भविष्य मे जान से हाथ ध़ोने की धमकी दी गई और हिंदू धर्म के साथ देवी-देवताओं का भी अपमान किया गया।
मामले मे दोनों समुदाय के लोगों की तरफ से तहरीर मे आरोप-प्रत्यारोप के बाद पुलिस जांच-पड़ताल मे जुट गई है।बरेली मे आज हुआ यह मामला कोई नया नहीं है।इससे पहले भी पिछले लगभग छ-सात सालों से इस तरह की घटनाएं लगातार देखने को मिल रही हैं।
बड़ा सवाल यह है कि जब संविधान हर धर्म व समुदाय को स्वेच्छा से धर्मपरिवर्तन की परमिशन देता है तो फिर किसी भी धर्म से संबंधित संगठन को ऐसा करने से रोकने की इजाजत किसने दे दी ?