हुकूमत नहीं चाहती कि गौरक्षा के नाम पर हत्याएं रुकें – मौलाना अदनान रज़ा
बरेली। नबीरा-ए-आला हज़रत व ऑल इंडिया रज़ा एक्शन कमेटी (आरएसी) के नायब सदर मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी ने हरियाणा के भिवानी कांड पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि देश भर में गौरक्षा के नाम पर बेगुनाह मुसलमानों का ख़ून बहाया जा रहा है और हुकूमतें हाथ पर हाथ धरे बैठी हैं। इन हत्याओं को न रोक पाने वाली हुकूमतें ख़ुद इन हत्याओं के लिए ज़िम्मेदार हैं। वो नहीं चाहतीं कि गौरक्षा के नाम पर बेगुनाहों की हत्याएं रुकें। उनसे यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि गौरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी करने वालों पर कोई कार्रवाई करेंगी।
मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी ने कहा कि क़ानून तोड़ने वालों पर कार्रवाई का अधिकार सिर्फ पुलिस को है। क़ानून का असल मतलब तो यह है कि पुलिस भी बेगुनाहों पर कार्रवाई नहीं कर सकती। इसके उलट पूरे देश में गौरक्षा के नाम पर गुंडे सक्रिय हो गए हैं जो गौतस्करी या गौरक्षा के नाम पर जहां चाहे जिसे चाहें मार डालते हैं। पुलिस भी इनके दबाव में रहती है। इसकी सीधी सी वजह यह है कि ये गुंडे हुकूमतों की निगरानी में छुट्टा घूम रहे हैं। इनका काम यही है कि गौरक्षा के नाम पर बेगुनाह मुसलमानों का उत्पीड़न करें। इससे सांप्रदायिकता की आग भड़कती है और इनके आक़ाओं को चुनाव में इसका फ़ायदा मिलता है। ये एक ऐसा दुष्चक्र है जो रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
बेगुनाह मुसलमानों को ज़बरदस्ती इस चक्रव्यूह में फंसाकर मौत के घाट उतारा जा रहा है और हत्यारों को हीरो बनाया जा रहा है। इसकी वजह यह है कि इस चक्रव्यूह को बहुत ही मक्कार और धूर्त लोगों ने रचा है जो सत्ता के शीर्ष तक यही सब करके पहुंचे हैं।
नबीरा-ए-आला हज़रत ने कहा कि देश के कई कोनों से ऐसी ख़बरें भी आती रही हैं जिनमें गौरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी करने वाले ही गौतस्करी और गौहत्या में शामिल पाए गए। इनका असल मक़सद गौहत्या रोकना नहीं बल्कि गौरक्षा के नाम पर मुसलमानों की हत्याएं करके दहशत फैलाना है।
उन्होंने कहा कि मुल्क के अमनपसंद लोगों को इस साज़िश के ख़िलाफ़ खुलकर सामने आना होगा। ऐसा नहीं है कि पुलिस, प्रशासन या न्यायालयों में काम करने वाले सारे लोग इन हालात से खुश हैं। वो हालात के तहत मजबूरन चुप बैठे हैं। मगर भिवानी कांड के बाद अब वो वक्त आ गया है जब सभी को मिलकर इसका विरोध करना होगा। गौरक्षा के नाम पर खुलेआम हिंसा और हत्याएं रोकने की कोशिश आम जनता से लेकर पुलिस, प्रशासन और न्यायालयों में बैठे अमनपसंद लोगों को करनी होगी। तथाकथित गौरक्षकों के आक़ाओं से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती।
मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी ने कहा कि आरएसी ज़मीनी स्तर पर मज़बूत काम करने में विश्वास रखने वाला संगठन है। जल्द ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो रणनीति बनाकर इस दिशा में काम किया जाएगा ताकि देश में अमन क़ायम हो और बेगुनाहों का ख़ून न बहे।