सपा ने लोकसभा चुनाव की निष्पक्ष मतगणना की मांग की
बरेली : 4 जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम आएंगे, समाजवादी पार्टी ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा, यह परिणाम निष्पक्ष आएं निश्चित रूप से हम और आप यही अपेक्षा रखते हैं। किन्तु पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ जो जनता जनार्दन का रूख इस पूरे चुनावी समर में दिखाई दिया उससे हम और आप भलीभांति महसूस कर रहें हैं , फ़िर भी बड़े ही दुर्भाग्य का विषय है भाजपा के दवाब में षड्यंत्र के तहत एग्जिट पोल के नतीजे इंडिया गठबंधन के खिलाफ दिखाए गए और भाजपा को एकतरफा सरकार बनाते दर्शाया जा रहा हैं, किन्तु यह सब शासन पर दवाब बनाने की भाजपा की एक युक्ति नज़र आ रही हैं।
लोकतंत्र के स्वतंत्र प्रहरी के रूप में आप लोग भी माहौल को भली प्रकार जान रहें हैं। भाजपा की रैलियों में जिस प्रकार की भीड़ 2014 और 2019 में दिखाई देती थी इस चुनाव में वह कहीं नज़र नहीं आई और और इसका प्रमाण भाजपा की रैली में पंडाल भी ठीक तरह से नहीं भर पा रहें थे, कुर्सियां खाली नज़र आ रहीं थीं, जबकि इंडिया गठबंधन की रैलियों में जनता का अपार समर्थन सारे वैरिकेड तक तोड़ रहा था। आम जनता खुलेआम भाजपा के खिलाफ नज़र खड़ी आ रही हैं , फ़िर भी एग्जिट पोल के जरिये भाजपा जो षड़यंत्र रचना चाह रही हैं, हम आपके माध्यम से बताना चाहते हैं कि वह समाजवादी पार्टी और इंडिया गठबंधन जनता के अपार समर्थन से किसी भी सूरत में कामयाब नहीं होने देगी।
कल मतगणना के दौरान अगर किसी तरह का कोई षड़यंत्र भाजपा के इशारे पर किया गया तो हम लोहिया के लोग अम्बेडकर के संविधान की ताकत के बल पर किसी भी लोकतान्त्रिक आंदोलन से कदम पीछे नहीं हटाएंगे, और इस आंदोलन में इंडिया गठबंधन और सपा के जांबाज क्रन्तिकारी कार्यकर्ता जनता के साथ मैदान में डटने को तैयार हैं। ईमानदारी और संवैधानिक प्रक्रिया के तहत जो परिणाम आएंगे उसे सहर्ष जनता और एक – एक समाजवादी कार्यकर्ता स्वीकार कर लेगा, लेकिन संविधान के खिलाफ जाकर भाजपा के दवाब में बेईमानी से दिए नतीजों के खिलाफ पूरे देश में आदरणीय अखिलेश यादव के नेतृत्व में क्रांति का बिगुल बज उठेगा। कल होने वाली मतगणना में हमें विश्वास हैं हम समाजवादियों का साथ देनें के लिए कम से कम 20 हजार लोग मतगणना स्थल के समीप एकत्र रहेंगे।कहा कि हालांकि हम समाजवादी लोगों को प्रशासन के ईमानदार रवैये पर पूरा भरोसा है वरन फ़िर भी प्रशासन से हम सभी संविधान और लोकतंत्र के पक्ष में खड़े होने की अपेक्षा रखते हैं।