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अहसन मियां का मदरसे के छात्रों से आव्हान , दुनियाभर में करें इल्म की शमा रौशन

▪️दो रोज़ा उर्स-ए-हामिदी का आगाज़, दिन में जिलानी मियां के कुल व बुखारी शरीफ की महफ़िल हुई, देर रात तक जारी था तहरीरी व तक़रीरी इनामी मुकाबला

बरेली । आला हज़रत फ़ाज़िले बरेलवी के बड़े साहिबजादे हुज्जातुल इस्लाम मुफ़्ती हामिद रज़ा खान साहब (हामिद मियां) का 82 वा दो रोज़ा उर्स-ए-हामिदी का आज दरगाह आगाज़ दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान साहब (सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) की सदारत में तिलावत-ए-कुरान से हुआ।

सुबह 8 बजे खत्म बुखारी शरीफ की महफ़िल हुई। सभी फारिग तलबा को बुखारी शरीफ की आखिरी हदीस का दर्स सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन मियां ने देते हुए कहा कि सभी लोग जिन्होने मंज़र-ए-इस्लाम से जो तालीम हासिल की है उसकी शमा दुनिया भर में रौशन कर मज़हब व मसलक के लिए काम करे। कितनी ही दुश्वारियां पेश आये मगर हक़ का दामन न छोड़े हमेशा हक़ बयान करे।

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मदरसे के सदर मुफ़्ती आकिल रज़वी ने बुखारी शरीफ और मुफ़्ती सलीम नूरी बरेलवी ने मदरसा मंज़र-ए-इस्लाम की अहमियत बयान की। मौलाना डॉक्टर एजाज़ अंजुम ने मुफ़स्सिर-ए-आज़म हज़रत जिलानी मियां की ज़िंदगी पर रोशनी डाली। सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर जिलानी मियां के कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। ख़ुसूसी दुआ मुफ़्ती अहसन मियां ने की। रात 9 बजे ऑल इंडिया तहरीरी, तक़रीरी व मुशायरे का मुकाबला शुरू हुआ जो देर रात तक जारी था।

उर्स में शिरकत करने महाराष्ट्र,बिहार,झारखंड,वेस्ट बंगाल,उड़ीसा,कर्नाटक,आसाम,छतीसगढ़,उत्तराखंड समेत प्रदेश भर से अकीदतमंदो दरगाह पहुँचे रहे है।
मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि नमाज़-ए-ईशा रात 9 बजे तहरीरी,तक़रीरी व मुशायरा का इनामी मुकाबला मदरसे के सदर मुफ़्ती आकिल रज़वी,वरिष्ठ मुफ़्ती मुफ़्ती सलीम नूरी बरेलवी,मुफ़्ती अफ़रोज़ आलम,मुफ़्ती अय्यूब,मुफ़्ती मोइनुद्दीन व मौलाना अख्तर हुसैन की निगरानी में शुरू हुआ हुआ जो देर रात तक जारी था। निज़ामत (संचालन) मौलाना शोएब इलाहाबादी ने किया।

कल का कार्यक्रम (मंगल):- बाद नमाज़-ए-फ़ज़्र कुरानख्वानी व दिन में गुल पोशी व चादर पोशी का सिलसिला चलेगा। मुख्य कार्यक्रम रात 9 बजे शुरू होगा। देश भर के नामवर उलेमा की तक़रीर होगी। रात 10 बजकर 35 मिनट पर हुज्जातुल इस्लाम के कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। इसके बाद मदरसा मंज़र-ए-इस्लाम का दीक्षांत समारोह (दस्तारबंदी) का जश्न शुरू होगा। मुफ़्ती,आलिम, हाफिज व कारी के कुल 168 तलबा (छात्रों) को दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियां व सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन मियां के हाथों डिग्रियां सौपकर दस्तारबंदी की जाएगी। इनामी मुकाबले में शामिल विजेताओं को इनाम तकसीम (वितरित) किये जायेगें।

उर्स की व्यवस्था में मुख्य रूप से टीटीएस के शाहिद नूरी,अजमल नूरी,परवेज़ नूरी,हाजी जावेद खान,औररंगज़ेब नूरी,ताहिर अल्वी,मंज़ूर रज़ा,खलील क़ादरी,आसिफ रज़ा,आलेनबी,गौहर खान,हाजी शारिक नूरी,मुजाहिद बेग,इशरत नूरी,ज़ोहेब रज़ा,तारिक सईद,शान रज़ा,सबलू अल्वी,अब्दुल माजिद,सय्यद एजाज़,सय्यद माजिद,इरशाद रज़ा,अरबाज़ रज़ा, साजिद नूरी,नईम नूरी,अयान हुसैन,आसिफ नूरी,साकिब रज़ा,समी खान,अजमल रज़ा, मोहसिन रज़ा, सुहैल रज़ा,साद रज़ा,नफीस खान,शारिक बरकाती,हाजी अब्बास नूरी,काशिफ सुब्हानी आदि ने संभाली।

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