“सर तन से जुदा” का नारा नौजवान न लगाएं – मौलाना शहाबुद्दीन
▪️ जुलूस में डीजे ,गाना, बजाना, थिरकना नाजायज ▪️ "प्यारे नबी की है यह शान बच्चा बच्चा है कुर्बान" यह नबी से बेपनाह मोहब्बत का इजहार करता है ▪️ "सर तन से जुदा" का नारा पाकिस्तानियों ने किया ईजाद।
बरेली । पैगम्बरे इस्लाम के जन्मदिन के मौके पर पूरे भारत में “जुलूसे मौहम्मदी” बड़ी शान व शैकत के साथ निकाला जाता है, इस साल 9 अक्टूबर को ये जुलूस पूरे देश भर में निकाला जाएगा, देश के हालात के पेशे नज़र ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बयान जारी करके मुस्लिम कौम के नौजवानो से अपील की है, कहा कि पाकिस्तान से प्रमोट हो कर भारत में आया नारा “सर तन से जुदा सर तन से जुदा” मुस्लिम नौजवान जुलूसे मौहम्मदी में न लगाएं। इस नारे की जगह हमारे बुजुर्गों द्वारा दिया गया नारा “प्यारे नबी की है ये शान बच्चा बच्चा है कुर्बान” लगाएं, ये हिन्दूस्तानी नारा है इस नारे में नबी के साथ बेपनाह मौहब्बत का इजहार होता है और साथ ही इस नारे से किसी भारतीय के लिए हिंसात्मक कार्यवाही के लिए नहीं उभारता।
मौलाना ने आगे कहा कि सर तन से जुदा वाला नारा गैर अख़लाकी, गैर कानूनी, और गैर शरई है। आला हजरत ने अपने फतवे में लिखा है कि कानून को अपने हाथ में लेना जाईज़ नहीं है और सजा देने का अधिकार हुकूमत का है, किसी व्यक्ति को ये अधिकार नहीं दिया जाता की वो खुद सजा मुकर्रर करें और खुद ही सजा दे , चाहे इस्लामी देश हो या लोकतांत्रिक देश हो।
गाना ,डीजे बजाना, थिरकना नाजायज हराम
मौलाना ने कहा कि जुलूसे मौहम्मदी को पाकिज़गी और पैग़म्बरे इस्लाम की सीरत की रौशनी में निकाला जाना चाहिए, जुलूस में मुकम्मल तरीके से शरीयत की रौशनी में रखा जाए , और भाग लेने वाला हर व्यक्ति शरीयत की पाबंदी करें। डीजे , गाना बजाना , नात की कैसिट पर रूमाल लहराकर थिरकना ये सब नाजायज कार्य है। इस तरह के काम करने से जुलूस की धार्मिक गरीमा को नुक्सान पहुंचाता है और सबाब के बजाए गुनाह मिलता है, इसलिए जुलूस में कोई भी ऐसा कार्य न किया जाए जो पैग़म्बरे इस्लाम की शिक्षा के अनुसार नहीं है।