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धर्मांतरण मामले में विहिप के लोगों ने निष्पक्ष जांच की मांग की

बरेली । भारत में सभी को अपनी मर्जी से धार्मिक स्वतंत्रता दी गई है। हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई कोई भी किसी भी आराध्य का पूजन कर सकता जिस पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता । बरेली में धर्मांतरण को लेकर एक मामला सामने आया है जिसमें ईसा मसीह की आराधना करने वाले हिंदू समाज के 2 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है वही दूसरे पक्ष का कहना है कि उन्होंने अपना धर्म परिवर्तन नहीं किया है वह अपनी मर्जी से चर्च में आराधना करने जाते हैं।

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एसएसपी ऑफिस पहुंचे ईसा मसीह की आराधना करने वाले हिंदू समाज के लोग

बीती 20 नवंबर को सुभाष नगर थाना क्षेत्र के वंशीनगला के एजी चर्च में सुबह 11:00 बजे लगभग 100 से अधिक लोग ईसा मसीह की आराधना कर रहे थे , जिसमें हिंदू समाज के लोग थे। सूचना पर विश्व हिंदू परिषद, गौरक्षा दल ,बजरंग दल के केके संखधार , हिमांशु पटेल , अरविंद पटेल , प्रीति आर्य , राजीव , मुनेंद्र ,विवेक शर्मा ,और 20 से 30 अन्य लोग पहुंच गए थे।

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सोमवार को ईसा मसीह की आराधना करने वाले लोगों में से 2 लोगों भगवान दास और पवन को जेल भेज दिया गया । वहीं ईसा मसीह की आराधना करने वाले पक्ष के हिंदू लोगों का कहना है कि वो अपनी मर्जी से ईसा मसीह की आराधना करते हैं, हम सब लोग पहले भी हिंदू थे और आज भी हिंदू हैं। हम किसी की आराधना करें ये हमारा संविधानिक अधिकार जिसे छीना नहीं जा सकता। वंशी नगला के एजी चर्च में मौजूद बाइबल को फाड़ा गया और पैरों से रौंदा गया तथा जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए गाली दी गई।

मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद के आशु अग्रवाल के साथ कई अन्य लोगों ने एसएसपी ऑफिस पहुंचकर मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है और कहा है कि सुभाष नगर के वंशी नगला में लोगों को बरगला कर धर्मांतरण किया जा रहा था। जिन लोगों का धर्मांतरण किया जा रहा था लगभग 100 की संख्या में थे और सभी दलित समाज के लोग थे। विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने सभी धर्मांतरण कराने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।

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