उर्स-ए-नासरी:परचम कुशाई कर माँगी कोरोना के ख़ात्मे की दुआ
बरेली – 116 वें उर्स-ए-नासरी का आग़ाज़ सादगी और एतराम के साथ बाद नमाज़े फजर तिलावत-ए-क़ुरआन-ए-पाक से हुआ,नोमहला मस्जिद के इमाम मुफ़्ती अब्दुल बाक़ी साहब ने फ़ातेहाख्वानी की रस्म पेश की।
सरकार सय्यदुल आरफीन ख़्वाजा मौलाना मोहम्मद शफ़ी नसीरुल इस्लाम चिश्ती साबरी अल-क़ादरी हज़रत नासिर मियाँ की दरगाह पर गुलपोशी व चादरपोशी की रस्म अदायगी की गई,असर मग़रिब के बीच हज़रत साबिर-ए-पाक के कुल शरीफ़ की रस्म अदा की गई।
सज्जादानशीन हज़रत ख्वाजा सुल्तान अहमद चिश्ती साबरी नासरी अल-क़ादरी ने देश दुनिया के हालात सुधरने के लिये दुआं की साथ ही कोरोना जैसी तमाम बीमारियों से लोगों को निजात मिले इसके लिये अल्लाह से गिड़गिड़ाकर दुआएं की।
दरगाह नासिर मियाँ के ख़ादिम सूफ़ी वसीम मियाँ साबरी ने अकीदतमंदों से अपील करते हुऐ कहा कि उर्स-ए-मुबारक पाक की सभी तकरीबात घरों पर ही अदा करें और दुआं मांगे।दरगाह पर कोविड-19 के नियमों को ध्यान में रखते हुए केवल रस्मे अदायगी होंगी।
इस मौके पर समाजसेवी पम्मी खान वारसी,शाहिद रज़ा नूरी,फहीम यार ख़ाँ,सरवत नासरी,साबिर सुल्तानी,आलिम,शाहिद मियाँ साबरी, हनीफ खान,सलीम साबरी आदि मज़ार पर हाज़री दी।
दरगाह के ख़ादिम हज़रत शाने अली कमाल मियाँ साबरी नासरी ने बताया कि 27 अप्रैल को हज़रत नासिर मियाँ रहमतुल्लाह अलेह के विसाली कुल शरीफ़ की रस्म प्रत:11:30 बजे अदा होगी।