तो क्या कब्र में की गई थी कोरोना की दोबारा जाँच ? यह कहना है मृतक वजीर की पत्नी का
बरेली : तो क्या कब्र में की गई थी कोरोना की दोबारा जांच ? यह सवाल हमारे नहीं मृतक वजीर की पत्नी के हैं, वजीर की मौत के एक साल बाद उसकी कोरोना की जांच अब पॉजिटिव आई है। मृतक वजीर 1 साल पहले कोरोना संक्रमित पाए गए थे। और उनकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी। अब उसकी मौत के 1 साल बाद उनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है जिसके बाद वजीर की पत्नी ने सीएमओ ऑफिस जाकर मामले में जानकारी लेनी चाही तो उसका कहना है कि उसे सीएमओ ने बाहर निकाल दिया।
शुरू से ही वजीर की पत्नी मौत पर उठा रही है सवाल
दरअसल 1 वर्ष पूर्व यानी 29 अप्रैल 2020 को वजीर की मौत हुई थी वजीर बारादरी थाना क्षेत्र के हजियापुर का रहने वाला था। जिस वक्त उसकी मौत हुई तो वो शुगर, के अलावा हार्ट का पेशेंट बताया गया था उनकी मौत कोरोना से हुई थी बरेली में कोरोना सर यह पहली मौत थी।वजीर की पत्नी ने लगातार स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े किए और आज भी करती चली आ रही है।वजीर की पत्नी का कहना है कि उसके पति की मौत नहीं हुई बल्कि उसकी स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने हत्या की है।
1 साल पहले हुई थी वजीर की मौत
29 अप्रैल 2020 को वजीर की मौत होने के बाद 27 अप्रैल 2021 को उसकी कोरोना की जांच रिपोर्ट दोबारा पॉजिटिव बताई गई। यानी किसी आदमी की मौत के बाद किस तरीके से उसका सैंपल लिया गया और किस तरीके से उसकी कोरोना की जांच की गई। इस पर सवाल खड़े होना तो लाजमी है।
सूचनाएं भी नहीं दी गई थी
इस रिपोर्ट का जवाब लेने के लिए मृतक वजीर की पत्नी खुशनुमा सीएमओ ऑफिस पहुंची। खुशनुमा का आरोप है उसे सीएमओ ऑफिस से बाहर कर दिया और उसका कहना है कि उसने कुछ सूचनाएं की मांगी थी, जिसका जवाब अभी तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा नहीं दिया गया है। उसके बारे में भी उसे कुछ नहीं बताया गया।
1 साल बाद आई कोरोना की जांच पर उठाए सवाल
वही मृतक वजीर की पत्नी के साथ सीएमओ ऑफिस पहुंचे इमराना हुसैन का कहना है कि हम सीएमओ ऑफिस उस तकनीक को पूछने आए थे जिस तकनीक के जरिए उन्होंने एक मरे हुए व्यक्ति की कोरोना की जांच कर ली। वजीर की जब 1 साल पहले मौत हो चुकी है,तो उसकी जांच किस तरीके से हो सकती है। यह पूछने पर सीएमओ साहब भड़क जाते हैं और कुछ अशोभनीय बातें भी करते हैं।
वजीर की मौत के बाद से लगातार कोई न कोई ऐसी बात निकल कर सामने आ रही है जिसके बाद सवाल खड़े हो जाते हैं। अब इस बार उसकी मौत के 1 साल बाद उसकी कोरोना जांच रिपोर्ट पर भी सवाल खड़े हुए हैं,जोकि लाजमी है।क्योंकि एक मरे हुए व्यक्ति की जांच कैसे हो सकती हैं किस तरीके से उसकी जांच हुई और कैसे उसकी रिपोर्ट अब एक साल बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आई ?