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महिला आयोग अध्यक्ष के समक्ष पेश हुईं पीड़िता , फर्जी मुकदमे और कब्जे की साजिश की लगाई गुहार

बरेली। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता सिंह चौहान गुरुवार को बरेली पहुंचीं। इस दौरान सर्किट हाउस में जनता की शिकायतें सुनी गईं। इसी क्रम में शिवपुरी मौलाकार, इज्जतनगर निवासी महिलाओं ने आयोग अध्यक्ष के समक्ष फर्जी मुकदमे और घर पर अवैध कब्जे की साजिश को लेकर अपना प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया।

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पीड़िताओं प्रेमा पत्नी महेश, सुमन पत्नी नरेश कुमार और जया पत्नी विजय कुमार ने आयोग अध्यक्ष को बताया कि वे एक गरीब परिवार से हैं और उनके परिवार के सदस्य पिछले 60 वर्षों से इसी स्थान पर निवास कर रहे हैं। पीड़िताओं का कहना है कि कुछ समय पहले उनके पास एक खाली प्लॉट था, जिसे नरेंद्र सिंह नामक व्यक्ति (पेशे से वकील) ने अगस्त 2021 में खरीदा और निर्माण कार्य शुरू कर दिया। निर्माण के दौरान उसने और उसकी पत्नी ज्योति रानी ने उनके घर की दीवार में दरवाजा और खिड़की खोलने को लेकर विवाद किया।

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महिला आयोग अध्यक्ष के समक्ष पेश हुईं पीड़िता , फर्जी मुकदमे और कब्जे की साजिश की लगाई गुहार
महिला आयोग अध्यक्ष के समक्ष गुहार लगाती पीड़िता

महिलाओं का आरोप है कि पुलिस हमेशा नरेंद्र सिंह का पक्ष लेती रही और विरोध करने पर पूरे परिवार को फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी दी गई। बाद में परिवार के पाँच सदस्यों – राजा, महेश, नरेश कुमार, विजय कुमार और सुमन – के खिलाफ झूठा मारपीट का केस दर्ज कर वारंट तक जारी करा दिए गए।

इतना ही नहीं, पीड़ित परिवार ने बताया कि उनके नाम पर एक फर्जी कंपनी – “मैमर्स प्लस इंडिया एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड” के जरिए भी उपभोक्ता फोरम में मुकदमा दाखिल किया गया, जिसमें उन पर एक लाख पचास हजार रुपये हड़पने का आरोप लगाया गया। बिना जांच के कोर्ट ने आदेश जारी कर दिए, जिससे परिवार की मुश्किलें और बढ़ गईं।

पीड़िताओं ने बताया कि उन्होंने 18 जून 2025 को आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत की और 4 जुलाई 2025 को एसएसपी बरेली व कोतवाली पुलिस को भी प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन कहीं से न्याय नहीं मिला। परिवार का कहना है कि नरेंद्र सिंह व उसके साथी सरदारवली, दर्शन सिंह और विनीत प्रकाश कश्यप लगातार उन्हें धमका रहे हैं और कहते हैं कि “पुलिस हमारी जेब में है।”

महिला आयोग अध्यक्ष ने प्रार्थना पत्र प्राप्त कर संबंधित अधिकारियों को मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया। पीड़ित परिवार ने कहा कि वे अब पूरी तरह मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से टूट चुके हैं और न्याय ही उनकी आखिरी उम्मीद है।

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