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बरेली मंडल का लिंगानुपात देश व प्रदेश से बेहतर : नीता

▪️महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक ने गिनाई विभाग की उपलब्धियां
▪️राज्य महिला आयोग की सदस्य ने लैंगिक समानता के लक्ष्य को हासिल करने हेतु किया मार्गदर्शन                                                      ▪️सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से आयोजित हुई जागरूक मीडिया कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग के राज्य सलाहकार ने बताया बाल विवाह रोकने में मंडल अग्रणी

बरेली, 20 मई 2022
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 (एनएफएचएस-5) के आंकड़ों के मुताबिक बरेली मंडल राष्ट्रीय और प्रदेश के लिंगानुपात से बेहतर है। यह बात महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक नीता अहिरवार ने शुक्रवार को सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) संस्था के सहयोग से एक निजी होटल में आयोजित जागरूक मीडिया कार्यशाला में कहीं। इस अवसर पर राज्य महिला आयोग की सदस्य मिथिलेश अग्रवाल ने मिशन शक्ति कैलेंडर का विमोचन भी किया।

बरेली मंडल लिंग अनुपात में प्रदेश में सबसे बेहतर – नीता

नीता अहिरवार ने बताया कि एनएफएचएस -5 के आंकड़ों के मुताबिक बरेली और शाहजहांपुर में जन्म लेने वाले प्रति 1000 लड़कों पर लड़कियों का लिंगानुपात बढ़ा है। एनएफएचएस-4 के अनुसार हजार लड़कों पर 1071 लड़कियां थी। एनएफएचएस5 के अनुसार हजार लड़कों पर 1084 लड़कियों का लिंगानुपात है। वही शाहजहांपुर में एनएफएचएस4 में 981 और एनएफएचएस- 5के अनुसार 1064 लड़कियां हैं। बरेली एवं शाहजहांपुर में लिंगानुपात के अनुसार लड़कियों की संख्या में वृद्धि हुई है।

कोविड के दौरान माता पिता की मृत्यु होने पर दी जाने वाली सहायता

उन्होंने बताया – पीएम केयर योजना के अंतर्गत कोविड से जिन बच्चो के माता पिता दोनों की मृत्यु हो गई है उन्हें 10 लाख रूपए की आर्थिक सहायता , शिक्षा के लिए केन्द्रीय विद्यालय में प्रवेश, आयुष्मान कार्ड , राशन आदि सुविधा माह मई में देने की योजना है |उपनिदेशक ने बताया कि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत कोविड के दौरान अपने एक या दोनों अभिभावक खो देने वाले बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना चलाई जा रही है, । जिसमें उन्हें 4000 रुपये प्रतिमाह की सहायता प्रदान की जाती है। मण्डल में ऐसे 446 बच्चों को अब तक लाभान्वित किया गया है। बरेली के 218, बदायूं के 63, पीलीभीत के 57 और शाहजहांपुर के 108 बच्चों को आर्थिक सहायता दी गई। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के अंतर्गत 606 बच्चों को आर्थिक सहायता दी गई, । जिसमें बरेली के 442, बदायूं के 40, पीलीभीत के 27 शाहजहांपुर के 97 बच्चे शामिल है। उन्होंने मिशन शक्ति के मंच से संदेश दिया कि समाज के सभी लोगों को अपनी सोच में बदलाव लाने की जरूरत है ताकि महिलाओं की स्थिति में सुधार आए। सोच में बदलाव से ही लिंगानुपात में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।

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उन्होंने बताया मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में लगभग 48,647 पात्र बालिकाओं को लाभान्वित किया जा चुका है, । जिसके अंतर्गत 8.48 करोड़ की धनराशि दी गई।  इसमें बरेली की 14609, बदायूं की 102441, पीलीभीत की 9405 एवं शाहजहांपुर की 14392 बालिकाएं शामिल हैं । बरेली मंडल में निराश्रित महिला पेंशन योजना में करीब 2.25 लाख विधवाओं को लाभान्वित किया गया। बरेली मंडल के कुल 43 पात्र बच्चों को लैपटॉप प्रदान किया जा चुका है। जल्द ही बरेली के 23 बच्चों को लैपटॉप दिया जाएगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को जागरूक करने की जरूरत

इससे पहले राज्य महिला आयोग की सदस्य मिथिलेश अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में सभी महत्वपूर्ण पदों पर महिलाएं आसीन हैं , इसलिए सोचा जाता है कि मिशन शक्ति की क्या जरूरत है। शहरों की 30% महिलाएं जागरूक हो चुकी हैं लेकिन ग्रामीणों में बची 70% महिलाओं के लिए अभी भी सशक्तिकरण की बहुत जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए मिशन शक्ति एक वरदान के रूप में सामने आया है। उन्होंने कहा यह अभियान लैंगिक समानता के लक्ष्य की और बढ़ने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।

बाल विवाह रोकने में बरेली अग्रणी

लखनऊ से आए महिला एवं बाल विकास विभाग के राज्य सलाहकारनी नीरज मिश्रा ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य विभाग की विभिन्न योजनाओं को मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाना है, जिससे लोग उनका लाभ ले सकें। उन्होंने बताया कि बाल विवाहों को रोकने हेतु मंडल के प्रयासों का नतीजा है कि प्रदेश के कुल रोके गए 1120 बाल विवाहों में 154 संभावित बाल विवाह रोकने के साथ बरेली मंडल प्रदेश में अग्रणी भूमिका में है व इसके अलावा मेगा इवेंट हक की बात जिलाधिकारी के साथ, प्रधान सम्मेलन तथा अनंता के आयोजन के साथ इस मुहिम को और आगे बढ़ाया जाएगा।

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लखनऊ से आए महिला एवं बाल विकास विभाग के राज्य सलाहकार प्रीतेश कुमार तिवारी ने कहा- मिशन शक्ति एक सामूहिक कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबन सुनिश्चित करना है।

इससे पहले सीफार के राज्य प्रतिनिधि फिरोज हैदर ने सीफार की ओर से किए गए कार्यो के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में जेडी हेल्थ डॉक्टर वागिश वैश्य, बरेली मंडल के सभी जिलों के डीपीओ मौजूद रहे। सीफार नार्थ रीजनल कोऑर्डिनेटर रूबी बानो, डिस्टिक कोऑर्डिनेटर शिवानी सक्सेना और पीलीभीत कोऑर्डिनेटर हुस्ना मौजूद रही।

उपलब्धि–

— रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष से बरेली मंडल की कुल 448 महिलाओं तथा बालिकाओं को इस योजना के अंतर्गत 16,31,25000 राशि दी गई।
— वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से बरेली मंडल की कुल 6700 महिलाओं को सहायता दी गई वहीं महिला हेल्पलाइन द्वारा बरेली मंडल की कुल 26434 महिलाओं को सहायता प्रदान की गई।

— बाल संरक्षण सेवाओं के अंतर्गत विगत पांच 5 वर्षों में बरेली मंडल के कुल 3333 बच्चों को परिवार से मिलाया गया। जिसमें बरेली के 1152, बदायूं 573, पीलीभीत 580 एवं शाहजहांपुर के 5028 बच्चे शामिल हैं।
-पिछले 5 वर्षों में 42 बच्चों को गोद दिया गया, । जिसमें बरेली में 31, बदायूं में 11 बच्चों को नया परिवार मिला।
विगत 3 वर्षों में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बरेली मंडल में कुल 154 संभावित बाल विवाह रुकवाया गए। जिसमें बरेली में 29, बदायूं में 53, पीलीभीत में 30 एवं शाहजहांपुर में 42 संभावित बाल विवाह रुकवाया गए।
-करीब 132 बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ दिया गया।

महिला कल्याण विभाग द्वारा प्रस्तावित कार्य योजना—
-वन स्टॉप सेंटर व महिला शक्ति केंद्र योजनाओं का कन्वर्जन करते हुए उन्हें महिलाओं से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
-100 दिवसीय कार्य योजना के अनुसार जनपद शाहजहांपुर में राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर) शाहजहां पुर का कार्य पूर्ण करा लिया गया है जिसका जल्दी संचालन प्रस्तावित है।

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– एकल श्रमजीवी महिला छात्रावास-जनपद बरेली में कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित एवं सस्ती आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी जिसके लिए एक कर श्रमजीवी महिला छात्रावास के निर्माण कराए जाने के लिए 2000 वर्ग मीटर भूमि सुभाष नगर में चयनित की गई है। भूमि पर निर्माण संबंधी कार्रवाई हेतु प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश महिला कल्याण निगम को प्रस्ताव भिजवाया जा चुका है।
-राजकीय बाल गृह (बालिका)- जनपद बरेली में राजकीय बाल गृह (बालिका) की स्थापना के लिए नगर विधायक द्वारा भूमि उपलब्ध कराई गई है भूमि के हस्तांतरण संबंधी कार्यवाही चल रही है।
-जनपद बरेली में 100 की क्षमता का राजकीय संप्रेक्षण गृह ‌‌(किशोर) राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोरी) राजकीय बाल गृह (बालक) एवं राजकीय शिशु गृह की स्थापना के लिए भूमि अधकटा नजराना, नवाबगंज, बरेली में जिलाधिकारी द्वारा दी गई है जिसकी स्वीकृति एवं निर्माण संबंधित दिशा-निर्देश हेतु निदेशक को प्रस्ताव दिया जा चुका है।

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