Social ViralBareillyLatestUttar Pradesh

आईएमसी ने किसानों के लिए बनाए गए कानून का विरोध करते हुए ज्ञापन दिया।

बरेली – आईएमसी के कार्यकर्ताओं ने किसानों के बने बिल का विरोध किया और मरने बाले किसानों को मुआबजा दिया जाए।इनको लेकर आईएमसी के राष्ट्रीय महासचिव हाजी मोहम्मद इकबाल ने राष्ट्रपति को संबोधित एसीएम प्रथम को दिया।

ज्ञापन में कहा कि कोई भी कानून जनता की भलाई के उद्देश्य से बनाया जाता है केन्द्र सरकार ने किसानों से सम्बन्धित जो तीन कानून बनाये है यह किसानों के हित में जनहित में नहीं है।इस कारण इस कड़ी सर्दी में देशभर के किसान रोड़ों पर उतर आयें है।विरोध करने को उद्देश्य से जय किसानों को यह कानून स्वीकार नहीं है।तब उनको जबरन थोपा जाना उचित नहीं है।कानून जनहित में नहीं हैं इसीलिए इसका भारी विरोध नागरिकों ने किया है। इन कानूनों की वापस किया जाना जनहित व न्यायहित में होगा।

अगर केन्द्र व प्रदेश सरकार वास्तव में किसानों को हितैशी है तब 2022 तक आय दोगुनी करने के जतन करें। सरकार द्वारा घोषित मूल्य पर किसानों की फसल का मूल्य सरकार अथवा व्यापारी करे। खेतों व मेदों पर खड़े पापुलर व यूकेलिप्टिस की लकड़ी का मूल्य 1500 / – रूपये प्रति कुन्टल घोषित कर किसानों को भुगतान किया जाये।इनसे बनी प्लाई व फर्नीचर अत्याधिक महंगा बेचा जाता है ।

सिंचाई हेतु अधिक से अधिक सोलर पम्य , पाईप , बड़े व छोटे ट्रैक्टर अन्य कृषि उपकरण,सब्सिडी घटाकर नकद मूल्य पर किसानों को उपलब्ध कराये जायें । खाद , दवाई , बीज , सबसीड़ी घटाकर नकद मूल्य पर उपलब्ध कराये जाये । किसानों को डीजल व पेट्रोल , बिजली सबसौली घटाकर उपलब्ध कराई जाये ।

किसानों की कृषि भूमि बनाक रखकर सर्किल रेट का 80 प्रतिशत ऋण बैंक उपलब्ध कराये किसानों के पुत्रों को स्वरोजगार हेतु किसान की जमानत पर 20 लाख रूपये बैंक ऋण उपलब्ध कराए।ज्ञापन के दौरान शकील , मुस्तकीन , बब्बू भाई, मुंब्बर अली , मोहम्मद यूसुफ खा इमरान खान आदि मौजूद रहे।

About Author

Related Articles

error: Content is protected !!