खूंखार आवारा सांड ने फिर ले ली एक की जान , पटक पटक कर मार डाला किसान
बरेली : आवारा पशुओं का आतंक नहीं थम रहा है, एक ओर आवारा पशु किसानों की फसलों को चट कर रहे हैं जिससे उनका जीना दुश्वार हो गया है तो दूसरी ओर आवारा पशुओं के प्राणघाती हमले भी निरंतर जारी हैं। नवाबगंज तहसील के ग्राम क्योलड़िया में एक खूंखार आवारा सांड ने एक बुजुर्ग किसान को पटक पटक कर मार डाला। ग्रामीणों ने इस संबंध में पैनी नजर सामाजिक संस्था की अध्यक्ष एडवोकेट सुनीता गंगवार को सूचना दी। सूचना पर संस्था अध्यक्ष गांव पहुंची और ग्राम में मृत बुजुर्ग के परिवार से मिलकर संवेदना व्यक्त की। आवारा सांड को ग्रामीणों ने जंजीरों से बांध रखा था, डॉक्टर ने उसे हल्का बेहोशी का इंजेक्शन भी दे रखा गया था । तत्काल प्रशासन को इस घटना की सूचना दी गई, सूचना पर नायब तहसीलदार व ब्लॉक अधिकारी मौके पर पहुंचे
सुनीता गंगवार ने दोनों अधिकारियों से इस खूंखार सांड को गौशाला तक ले जाने के लिए बात की तो ढीला ढाला रवैया दिखाते हुए अधिकारी नजरे बचा कर निकल गए और वह अर्घ्य बेहोश खूंखार सांड ग्राम प्रधान के हवाले करके चले गए।ग्रामीणों का कहना था कि यह सांड तत्काल गौशाला पहुंचाया जाना चाहिए ताकि यह ग्राम में और घटनाएं न कर पाए। ग्रामीणों ने बताया कि इस खूंखार सांड से सभी ग्रामीण परेशान है,इस सांड ने पहले से ही गांव में आतंक मचा रखा है।
सुनीता गंगवार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा पशुओं द्वारा इस तरह की घटनाए होना आम बात हो गई है,कई घटनाएं इस तरह की घटनाओं को देखा गया है लेकिन शासन व प्रशासन कानों में तेल डालकर इसे सुन रहा है जब भी कोई सांड द्वारा ऐसी घटना होती है तो प्रशासन को गौशालाएं ढूंढनी पड़ती हैं और चुनाव के समय नेता गौशालाएं बनवाने की बात कहते हैं, जनता से वादा करते हैं लेकिन आवश्यकता पड़ने पर गौशालाएं कहां गायब हो जाती हैं ये आज तक किसी को नहीं पता चला। यह प्रदेश की एक बड़ी समस्या बन चुकी है किसान दोहरी मार झेल रहा है। किसान को अपनी जान जान और खेत दोनों बचाना मुश्किल हो गया है। रात-रात भर किसान खेत रखा रहा है उसके बाद भी उसकी फसल नहीं बच पा रही है। किसान की स्थिति बद से बत्तर होती चली जा रही है। उन्होंने कहा कि कई सालों से इस बात को संस्था लगातार आवाज उठा रही है, मगर अभी तक किसान की इस समस्या पर सरकार आंख मूंद करके बैठी हुई है।