पत्नी के हत्यारे को अदालत ने सुनाई फाँसी की सजा
बरेली – वर्ष 2017 में थाना बिथरी चैनपुर में दर्ज हुए हत्या के मुकदमे में पूरी अदालती ट्रायल के बाद माननीय न्यायालय द्वारा फांसी और 1लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। अपराधी ने अपनी पत्नी की बेरहमी से हत्या की थी । इस मामले में अपराधी पर दो मुकदमे दर्ज किए गए थे जिसमें अलग-अलग सजा सुनाई गई है।
नवाबगंज थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 2 कुम्हारों का मोहल्ला निवासी रफीक उर्फ पप्पू पुत्र शब्बीर अहमद ने अपनी ससुराल थाना बिथरी चैनपुर क्षेत्र में जाकर अपनी पत्नी की बेरहमी से वर्ष 2017 में हत्या कर दी थी। जिसमें थाना बिथरी चैनपुर में हत्या और एक अतिरिक्त मुकदमा चार बटे 25 आर्म्स एक्ट का दर्ज किया गया था। थाने की कार्रवाई पूरी होने के बाद चार्जशीट को न्यायालय में ट्रायल हेतु दाखिल किया गया था। सारी अदालती कार्रवाई पूरी होने के बाद न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश (त्वरित न्यायालय) प्रथम निर्दोष कुमार की अदालत द्वारा रफीक उर्फ पप्पू को दोषी करार पाते हुए फांसी और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
उन्होंने आदेश में लिखा कि हत्या एक अपराध है मगर रफीक द्वारा निर्मम तरीके से निर्दई होकर अपनी पत्नी की हत्या की गई थी। इस तरीके की हत्या एक क्रूर अपराधी प्रवृत्ति वाला व्यक्ति कर सकता है। जिसके दिल में बिल्कुल रहम ना हो। उसकी हत्या की प्रवृत्ति को देखते हुए न्यायालय द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई है । सजा सुनाते वक्त अपराधी के लिए कोई भी पछतावा नहीं था । उसने सिर्फ उसने इतना ही कहा कि वह निर्दोष है।
एक असहाय स्त्री की हत्या कर देना जो कि उसके बच्चों की मां थी उसे उसके मायके में जाकर योजनाबद्ध तरीके से निर्दई होकर निर्मलता से हत्या कर देना इस बात का प्रतीक है कि रफीक एक क्रूर व्यक्ति है और उसको सुधारने की कोई भी गुंजाइश नहीं है। उसकी प्रवृत्ति के मद्देनजर अदालत ने उसे फांसी की सजा सुनाई है, साथ ही एक लाख रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है। अर्थदंड अदा न कर पाने की स्थिति में 2 साल की सजा अतिरिक्त बढ़ाई गई है।