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6वां उर्से ताजुश्शरिया जामियातुर्रजा मे बड़ी धूम धाम से मनाया गया

बरेली: हुज़ूर काईद ए मिल्लत मुफ़्ती मुहम्मद असजद रज़ा खां क़ादरी की सरपरस्ती व सदारत में 6वां उर्से ताजुश्शरिया मथुरापुर स्थित इस्लामिक स्टडी सेण्टर जामिआतुर्रज़ा में बड़ी शान व शौकत से मनाया गया ।

खबर मे क्या क्या

उर्स के पहले दिन क़ारी शरफुद्दीन रज़वी साहब ने क़ुरआन ए पाक की तिलावत से उर्स के प्रोग्राम का आगाज़ किया और मौलाना गुलज़ार रज़वी साहब ने प्रोग्राम की निज़ामत की | मुफ़्ती शहज़ाद आलम मिस्बाही साहब ने ताजुश्शरिया की ज़िन्दगी पर रौशनी डाली, उन्होंने अपनी तक़रीर में कहा कि ताजुश्शरिया एक शख्सियत का नाम नहीं बल्कि एक जमात का नाम है। आप सरकार मुफ़्ती ए आज़म के जानशीन थे ।

इनके बाद मुफ्ती अख्तर हुसैन अलीमी ने अपने खिताब मे फ़िरक़ ए बातिला का रद्द किया, उन्होंने नाम निहाद मौलाईयों, राफजियों, तफजीलियों से आवाम ए अहले सुन्नत को दूर रहने की ताकीद की, और फ़रमाया कि मसलके आला हजरत ही हक की पहचान है। फिर इसके बाद शहज़ादा ए सदरूशशरिया नायब काजी उल कुजा़त फिल हिन्द मुफ्ती मुहम्मद जियाउल मुस्तफ़ा सहाब ने मुफ़्ती आज़म हिन्द के फ़ज़ाइल व मनाकिब बयान फरमाए।उन्होंने बताया कि मुफ़्ती आज़म हिन्द का तक़वा व फतवा उनके ज़माने में कोई दूसरा उनके जैसा नहीं था और फरमाया कि मुफ़्ती आज़म हिन्द आला हज़रत उनके मज़हर व सच्चे जानशीन थे। इसके बाद 1 बज कर 40 मिनट पर सरकार मुफ़्ती ए आज़म के कुल की रस्म अदा हुई और क़ाज़ी ए हिंदुस्तान की तक़रीर और दुआ के साथ उर्स के पहले दिन का समापन हुआ और साथ ही क़ाज़ी ए हिंदुस्तान के हाथ पर लोग बैत हुए।

उर्स प्रभारी सलमान हसन खान (सलमान मियां) ने बताया कि उर्से ताजुश्शरिया में देश-विदेश से आये उलेमा किराम ने शिरकत फरमायी और ताजुश्शरिया की बारगाह में खिराजे अक़ीदत पेश किया और बताया कि उर्स में जमात रज़ा-ए-मुस्तफ़ा की देशभर की ब्रांचों की तरफ से कसीर तादाद में लंगर का इंतजाम किया गया। खासकर बरेली शरीफ की ब्रांचों ने, वॉलिंटियर्स ने व उर्स कोर कमेटी की टीम ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभायी और उर्स को कामयाब बनाने में भरपूर सहयोग किया।

जमात रज़ा ए मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान हसन खां (फरमान मियाँ) ने बताया हुजूर ताजुशरिया के पूरी दुनिया में करोड़ो मुरीद हैं। मज़हब व मसलक की ख़िदमत करते हुए हुज़ूर ताजुशशरिया 18 जुलाई 2018 ईस्वी वक़्त-ए-मगरिब इस दुनिया-ए-फानी से कूच कर गए। आपके आखिरी दीदार के लिए मुल्क-ए-हिंदुस्तान के अलावा दुनियाभर के लाखों अकीदतमंद बरेली पहुँचे। आपकी आखिरी आरामगाह मोहल्ला सौदागारान स्थित आला हज़रत के मज़ार के बराबर में क़ायम की गई। आज इन्हीं आशिके रसूल और अपने पेशवा के 6वें उर्स के मुबारक मौके पर दुनियाभर से लाखों ज़ायरीन ने खिराजे अक़ीदत पेश किया।

उर्स के दूसरे दिन प्रोग्राम बामुकाम खानकाहे ताजुश्शरिया में बाद नमाज़े फजर कुरआन खव़ानी व नातों मनकबत बाद मुफ़स्सिरे आज़म का कुल शरीफ 7 बजकर 10 मिनट पर बामुकाम जामियातुर्रजा में बाद नमाज़े जोहर नातों मनकबत व उलमा ए किराम की तकरीर व मशाइखे एज़ाम के बयानात के बाद असर की नमाज़ जमात के साथ अदा की गई फिर उसके बाद हुज़ूर ताजुश्शरिया का कुल शरीफ़ 7 बजकर 14 मिनट पर हुआ और नमाज़े मग़रिब जमात के साथ अदा की गई।

जमात की ब्रांचों में धनतिया, फतेहगन्ज पूर्वी व पश्चिमी, बानखाना, कैंट, कान्धरपुर, खैलम,आवला, मवई काजियान, शाही, शीशगढ,अलीगन्ज, भगवन्तापुर, पूरनपुर, बीसलपुर, मजनूपुर, बहेड़ी, महेशपुर,अटरिया, तिलियापुर, करगना, बिचपुरी व जमात रज़ा ए मुस्तफा के सेक्टर प्रभारी व लन्गर कमेटी आदि लोगों ने हिस्सा लिया। जिसमें मुख्य रूप से डॉ. मेहँदी हसन, हाफिज इकराम, शमीम अहमद, मौलाना शम्स, मौलाना निजामुद्दीन, मोईन खान, कौसर अली, यासीन खान समरान,खान आदि लोग मौजूद रहे।

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