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मानसिक चिकित्सालय का टेली मानस दे रहा है ऑनलाइन परामर्श

बरेली। आजकल के दौर में भागमभाग की जिंदगी और तनावग्रस्त वातावरण में मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण मानसिक चिकित्सालय में लगी भीड़ को देखने से प्रतीत होता है । दूरदराज बैठे लोगों को मानसिक रोगी के लक्षण दिखाई देते हैं तो उनके सामने इस समस्या आती है कि इसका निदान कैसे होगा , इसका इलाज कहां कराया जाए। इस प्रकार की समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश सरकार ने चार महानगरों बरेली ,आगरा ,गोरखपुर और वाराणसी में टेली मानस की सुविधा शुरू की है। बरेली के मानसिक चिकित्सालय में ये व्यवस्था शुरू कर दी गई है, जिसका हेल्प लाइन 1800_ 891 _4416 है। इस नंबर पर कॉल करके ऑनलाइन मानसिक समस्याओं का निदान मानसिक चिकित्सालय के चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है।

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मानसिक चिकित्सालय

मानसिक चिकित्सालय के निदेशक डॉ सीपी मल्ल ने बताया की मानसिक चिकित्सालय में तैनात डॉक्टर आलोक शुक्ला जो मानसिक रोग विशेषज्ञ उन्हें इसका नोडल प्रभारी बनाया गया है । शासन द्वारा 20 काउंसलर रखे जाने का प्रावधान है। वर्तमान समय में सेक्रेटरी सोशल वर्कर और क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट ऑनलाइन लोगों को मानसिक रूप से संबंधित सलाह दे रहे हैं और उसके निवारण के लिए उपाय भी बता रहे हैं। डॉ आलोक शुक्ला ने बताया कि लगभग 300 कॉल अब तक आ चुकी है जो दूरदराज के इलाकों से भी आई है और राजधानी दिल्ली से भी कॉल आई है। उनको सलाह दी जाती है कि अपने निकटतम मानसिक चिकित्सालय में जाकर समस्या का समाधान करा सकते हैं या मरीज को बरेली के मानसिक चिकित्सालय में लाकर इलाज करवा सकते हैं।

खबर मे क्या क्या

मालूम हो कि टेली मानस की सुविधा शुरू होने से लोगों को बहुत लाभ हुआ है। लोगों को घर बैठे ऑनलाइन निशुल्क परामर्श दिया जा रहा है । उन्होंने कहा कि मानसिक रोग कोई लाइलाज नहीं है , इसका निदान संभव है।  मानसिक रोगी के प्रति हमको सहानुभूति रखनी चाहिए , किसी भी प्रकार का कोई भ्रांति मन में नहीं पालनी चाहिए ना ही उसको मारना पीटना चाहिए ना ही कोई ऐसी बात करें जिससे रोगी को मानसिक तनाव पहुंचे ।

मानसिक रोगी का इलाज मानसिक रोग विशेषज्ञ से करवा कर ठीक किया जा सकता है। मानसिक रोग का इलाज लंबा चलता है , इसलिए सरकारी केंद्रों पर यह सुविधा निशुल्क उपलब्ध है और मरीज का कोई खर्चा भी नहीं आता है। अक्सर देखा गया है कि बच्चे परीक्षा को लेकर अभ्यार्थी अपने इंटरव्यू को लेकर तनावग्रस्त हो जाते हैं रात रात जगते हैं नींद नहीं आती है ऐसे में मानसिक चिकित्सालय में इस समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है।

शासन द्वारा प्रदान की गई टेली मानस की सुविधा लोगों के लिए उपहार है ,इसका भरपूर प्रयोग करना चाहिए। किसी प्रकार का कोई स्टिग्मा या फिर वहम नहीं पालना चाहिए। मानसिक रोग का इलाज कराया जाना चाहिए , हर समस्या का निदान संभव है । मानसिक रोगी दया के पात्र होते हैं उनके प्रति सहानुभूति बरतनी चाहिए । आवश्यकतानुसार मानसिक चिकित्सालय में रोगियों को भर्ती किया जाता है।

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