इनामी मुकाबले के विजयी छात्रों को सुब्हानी मियां ने किया सम्मानित। पहला इनाम नेपाल के छात्र अरशद रज़ा को मिला
उर्दू,अरबी जुबान के साथ इंग्लिश में भी महारत हासिल कर रहे हैं छात्र
बरेली:आला हज़रत द्वारा स्थापित मदरसा मंजर-ए-इस्लाम के दीक्षांत समारोह में तहरीरी(लिखित),तकरीरी व शेरी(शायरी) इनामी मुकाबला दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान(सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती,सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां की सदारत में हुआ था।
मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि इनामी मुकाबले के जज मौलाना डॉक्टर एजाज़ अंजुम,मुफ्ती अफ़रोज़ आलम,मुफ्ती मोइनुद्दीन,मौलाना अख़्तर कोकब रहे। देश-विदेश के छात्रों ने उर्दू के साथ इंग्लिश में तकरीर का शानदार प्रदर्शन कर अपने इल्म का लोहा मनवाया। इस मौके पर जज मौलाना डॉक्टर एजाज़ अंजुम ने कहा कि मदरसे के बच्चे भी आज समाज की मुख्यधारा से जुड़ कर इंजीनियर,डॉक्टर बन रहे है। देश के मदरसों से तालीम हासिल करने वाले कई छात्रों ने आईएएस की परीक्षा पास की। मुकाबले के विजयी छात्रों के नामों की घोषणा मुफ्ती सलीम नूरी बरेलवी ने की। दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियां ने तकरीरी मुकाबले में प्रथम आए नेपाल के छात्र अरशद रज़ा, शेर व शायरी मुकाबले में पहला इनाम मंजर ए इस्लाम के रहवर आलम,दूसरा इनाम जमीयतुर रज़ा के मुनाजिर हुसैन और तीसरा इनाम फैज़ रज़ा को मिला।
आखिर में सभी का आभार सय्यद आसिफ मियां व राशिद अली खान ने व्यक्त किया। संचालन मौलाना यूसुफ रज़ा संभली ने किया। इस मौके मदरसे के सदर मुफ्ती आकिल रज़वी,मुफ्ती सय्यद कफील हाशमी,मुफ्ती अय्यूब नूरी,कारी तय्यब,मुफ्ती जमील,मौलाना मुजीब आलम,मौलाना कलीमुर्रहमान,मास्टर कमाल,जुबैर रज़ा खान,अनवारूल सादात आदि लोग मौजूद रहे।