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राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर हुआ जन जागरुकता कार्यक्रम

बरेली – जिला स्वास्थ्य समिति और एम्बेड परियोजना के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर सोमवार को भमोरा, रामनगर और मझ्गवा के बेहटा लालच, इस्लामाबाद, बाकरगंज, करुआताल, आनंदपूर, सिसोना, फतेहगंज और अन्तपुर आदि गाँवों में समुदाय को डेंगू के प्रति जागरूक किया गया। साथ ही सभी ग्रामीणों को मच्छरदानी लगाने के लिए प्रेरित किया।

ग्रामीणों को घर के आसपास पानी जमा नहीं होने देना और लार्वा दिखते ही उसे खत्म करने के बारे में बताया गया। डेंगू दिवस पर आशा और एम्बेड कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर फीवर सर्वे के साथ साथ मच्छर के लार्वा को नष्ट किया गया। लोगों को कूलर और फ्रिज की ट्रे को साप्ताहिक खाली करने के बारे में बताया गया। इससे डेंगू के मच्छर की उत्पत्ति नहीं हो सके।

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बलबीर सिंह के निर्देशानुसार जिला समन्वयक एम्बेड परियोजना के दुर्गेश अग्रवाल ने ग्राम प्रधान राजकुमार सिंह और आशा कार्यकर्ता हरीश कुमारी के साथ ग्रामीणों को डेंगू से स्वयं, परिवार, समाज और गाँव को डेंगू से मुक्त कराने की शपथ दिलवाई गई। स्कूल के बच्चों द्वारा समुदाय को डेंगू के बारे में जाग्रत किया गया। ग्राम सिसोना में ग्रामीणों को डेंगू संदेश के बारे में बताया। इस अवसर पर कार्यक्रम सहायक प्रशांत मान्जरेकर और बीसीसीएफ आदि मौजूद रहे।

डेंगू फैलने के कारण-

डेंगू आमतौर पर मादा एडीज़ इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। ये खास तरह के मच्छर होते हैं, जिनके शरीर पर चीते जैसी धारियां पाई जाती हैं। ये मच्छर खासतौर पर सुबह के समय काटते हैं। जो शख्स डेंगू से पीड़ित होता है, उसके शरीर में काफी मात्रा में डेंगू वायरस पाया जाता है। इसके अलावा दूसरे तरीके में मच्छर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण फैलाता है। ऐसे में डेंगू बुखार भी एक संक्रामक रोग ही माना जाता है। दरअसल, जब मच्छर किसी डेंगू से पीड़ित व्यक्ति को काटता है तो साथ में उसका खून चूसता है। ऐसे में उस मरीज के खून में शामिल डेंगू का वायरस मच्छर को भी संक्रमित कर देता है।

डेंगू के लक्षण:

– मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
शरीर पर पड़ने वाले लाल निशान जो थोड़े समय बाद ठीक होने के बाद पुनः वापस भी आ जाते हैं
-तेज़ बुखार
-बहुत तेज़ सिर दर्द
-आँखों के पीछे दर्द
-उल्टी आना
-चक्कर महसूस होना

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