दहेज के लालच में गर्भवती महिला को ससुराल से निकाला, एसएसपी से लगाई इंसाफ की गुहार
कार और पांच लाख रुपये की मांग, मारपीट कर सात माह की गर्भवती महिला को निकाला घर से

बरेली : जिले में दहेज उत्पीड़न का एक मामला सामने आया है, जहां एक सात माह की गर्भवती महिला को दहेज के लिए प्रताड़ित कर ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया। पीड़िता ने इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) से न्याय की गुहार लगाई है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
हिंदू रीति-रिवाज से हुई थी शादी, विवाह के बाद शुरू हुआ उत्पीड़न
थाना इज्जतनगर क्षेत्र की सैनिक कॉलोनी गली नंबर-6 निवासी पीड़िता का विवाह 11 जुलाई 2024 को हिंदू रीति-रिवाजों के तहत वरुण गुप्ता पुत्र भगवान गुप्ता उर्फ डब्लू गुप्ता, निवासी ग्राम बलिया, थाना भमोरा के साथ हुआ था। महिला के अनुसार, विवाह के समय परिजनों ने अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान-दहेज दिया था, लेकिन शादी के कुछ ही समय बाद ससुराल पक्ष की मांगें बढ़ने लगीं।
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कार और पांच लाख रुपये की कर रहे थे मांग
पीड़िता ने बताया कि उसके पति वरुण गुप्ता, ससुर, सास, तहेरी सास, तहेरे ससुर और देवर द्वारा लगातार कार और पांच लाख रुपये की अतिरिक्त दहेज की मांग की जा रही थी। जब उसकी ओर से यह मांग पूरी नहीं की गई, तो उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा।
गालियां और मारपीट, सात माह की गर्भवती होने के बावजूद नहीं छोड़ा पीछा
महिला ने आरोप लगाया कि उसे लगातार गालियां दी गईं, शारीरिक रूप से पीटा गया और अपमानित किया गया। वह इस समय सात माह की गर्भवती है, इसके बावजूद उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया।
मारपीट कर घर से निकाला, मायके वालों ने दी शरण
पीड़िता के अनुसार, 25 मार्च 2025 को ससुराल वालों ने उसके साथ मारपीट की और घर से निकाल दिया। उन्होंने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और उसे बाहर खड़ा कर दिया। महिला ने तत्क्षण 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को बुलाया। इसके बाद सूचना पाकर उसके मायके वाले मौके पर पहुंचे और उसे अपने साथ ले गए।
एसएसपी से न्याय की गुहार, दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई
गर्भवती महिला ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से इस मामले में न्याय की गुहार लगाई है। उसने मांग की है कि दहेज के लिए उत्पीड़न और मारपीट करने वाले सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि उसे और उसके होने वाले बच्चे को न्याय मिल सके।
दहेज प्रथा पर सवाल, प्रशासन से सख्ती की दरकार
यह मामला न केवल एक महिला के उत्पीड़न की कहानी है, बल्कि समाज में अब भी जिंदा दहेज प्रथा पर बड़ा सवाल भी खड़ा करता है। ऐसे मामलों में सख्त और त्वरित कार्रवाई समाज में सकारात्मक संदेश दे सकती है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में कितनी तेजी से कदम उठाता है।