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विवेचक बने अखबार , परोस रहे झूंठ, अधिकारियों को कर रहे गुमराह

बरेली : बीती 24 फरवरी को पत्रकार षड्यंत्रकारियों ने फर्जी मुकदमा लिखाया। अखबारों में इस घटना को लेकर सिर्फ झूठ ही झूठ परोसा जा रहा है। और ये सिर्फ हिंदू मुस्लिम बाद को लेकर किया जा रहा है।क्योंकि पत्रकार गुलाम साबिर आजाद एक मुस्लिम पत्रकार है इसलिए दूसरे समुदाय के पत्रकार ये दमनकारी नीतियां अपनाकर बदनाम करने में पिछले काफी समय से लगे हुए हैं जबकि जो घटना बताई जा रही सच्चाई इससे जुदा है। आज के अखबारों में सिर्फ और सिर्फ झूठ परोसा जा रहा है। अखबार अपनी गरिमा और सच्चाई से अलग झूठ की राह पर चल पड़े हैं और पुलिस की विवेचना से अलग खुद ही विवेचक बने हुए हैं।

दरअसल बीती 24 फरवरी को बेकरी संचालक अय्याश मुस्तकीम को किला पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद पुलिस उसे चौकी किला लेकर आई और पूंछतांछ कर रही थी। इस दौरान चांद अल्वी और और गुलाम साबिर आजाद वहां पहुंचे तो मुस्तकीम वहां मौजूद था और कोई महिला भी बैठी हुई थी। महिला अय्याश मुस्तकीम पर इलजाम लगा रही थी कि जिसपर अय्याश मुस्तकीम ने सबके सामने कबूल किया कि उसने बलात्कार किया है। वहीं पुलिस के सामने अय्याश मुस्तकीम ने कहा कि मैंने आज ऐसा काम किया ये मैने बहुत गलत किया आज मैं फंस गया आज के बाद कभी ऐसा काम नहीं करूंगा और वो गुलाम साबिर आजाद के पैरों में गिरकर कहने लगा कि खुदा के बस्ते मुझे बचा लो जब महिला से बात की तो वो कहने लगी कि अय्याश मुस्तकीम ने मुझे अपनी बैकरी में नौकरी का झांसा देकर होटल में बात करने को कहकर बुलाकर मेरे साथ बलात्कार किया है।

पत्रकार गुलाम साबिर आजाद के आ रहे हैं मुस्तकीम पर वेतन के रुपए

दरअसल अय्याश मुस्तकीम ने खुसरो मेल अखबार को चलाने के लिए ठेके पर लिया था और गुलाम साबिर आजाद को उप संपादक के पद पर नियुक्त किया था और 50 हजार रुपए मासिक वेतन तय किया था, मुस्तकीम पर गुलाम साबिर आजाद के 1 लाख पचास हजार रुपए वेतन के बकाया थे तथा पत्रकार गुलाम साबिर आजाद ने अखबार वितरण के लिए अपने मोहल्ले के ओमवीर यादव को नियुक्त कराया था जिसके 20 हजार रुपए मुस्तकीम पर बकाया थे। पत्रकार गुलाम साबिर आजाद ने लगातार अपने वेतन और ओमवीर यादव के वेतन को लेकर अय्याश मुस्तकीम से तकाजा किया मगर कई वर्षों से मुस्तकीम ने पत्रकार गुलाम साबिर आजाद का फोन नहीं उठाया और कोई भी वेतन का पैसा नहीं दिया।

लगातार अय्याशी करता था मुस्तकीम

खुसरो मेल अखबार अपनी बुलंदियों पर जाता मगर अय्याश मुस्तकीम ने अखबार के ऑफिस को अपनी अय्याशी का अड्डा बना रखा था। ऑफिस एक लड़की को को उसने अपनी हवस का शिकार बनाया उसके बाद उस लड़की पर लगातार धन लुटाया यहां तक कि उससे निकाह करना चाहता था मगर उस लड़की ने दूसरे मजहब की होने की वजह से निकाह करने से इंकार कर दिया। इसी अय्याश बैकरी संचालक मुस्तकीम ने एक और लड़की के साथ बलात्कार किया था जिसमे वो लड़की थाने में तहरीर देने वाली थी तो अय्याश मुस्तकीम ने उस लड़की को समझाने के लिए एक प्रतिष्ठित चैनल के कैमरामैन का सहारा लेकर धन खर्च कर मामले को रफा दफा कराया था।

दो पत्नियां है अय्याश मुस्तकीम की

अय्याश मुस्तकीम की बात करें तो इसकी दो पत्नियां हैं दूसरी शादी इसकी इसलिए हुई कि इस अय्याश मुस्तकीम ने दूसरी लड़की को अपनी हवस का शिकार बनाया था और जब मामला फैलने लगा और लड़की इस पर हावी होने लगी तो अय्याश मुस्तकीम ने निकाह कर लिया और आज मुस्तकीम की दो पत्नियां हैं।

समझाने पर लगता था अय्याश को बुरा

अय्याश मुस्तकीम लगातार अपनी अय्याशियों के लिए खुसरो मेल के मुखिया शेर अली जाफरी की नजरों में भी प्रसिद्ध हो चुका था और शेर अली जाफरी ने भी कई बार समझाया और वो पत्रकार गुलाम साबिर आजाद के चरित्र के बारे में भी जानते थे कि कई बार पत्रकार गुलाम साबिर आजाद ने अय्याश मुस्तकीम को उसकी अय्याशियों को बंद करने के बारे में कहा मगर मुस्तकीम नहीं माना और उसकी अय्याशियां लगातार जारी रही।

और भी धंधा है मुस्तकीम का

अय्याश मुस्तकीम बैकरी कारोबारी के नाम से जाना जाता है मगर इसके फतेहगंज पश्चिमी के स्मैक तस्करों से भी संबंध बताए जाते हैं, ये स्मैक की सप्लाई भी करता है ऐसी जानकारी सूत्रों के माध्यम से ज्ञात हुई है नहीं तो एक बैकरी संचालक इतने पैसों का मालिक कैसे बन सकता है।

पैसों के दम पर लिखाया गया फर्जी मुकदमा 

अय्याश मुस्तकीम ने फर्जी मुकदमा पैसों के दम पर लिखाया है। उस वक्त जब मुस्तकीम थाने में था तब जी न्यूज बरेली का एक पत्रकार वहां पहुंचा था जो इसके गलत कामों में शरीक रहता है। उसने पुलिस के अधिकारियों को फोन पर गलत जानकारी दी और मुकदमा कायम कराया अय्याश मुस्तकीम का साफ तौर पर कहना है कि पैसे बालों का कुछ नहीं होता मैने अपने बचाओ के लिए ये मुकदमा लिखाया।

अगर पत्रकार गुलाम साबिर आजाद ने फंसाया तो होंगे कोई साक्ष्य

पुलिस ने बिना साक्ष्य के मुकदमा लिख दिया अय्याश मुस्तकीम का कहना है कि उसने अपने पैसों के दम पर मुकदमा लिखाया है इससे साफ जाहिर है कि पुलिस ने अधिकारियों के दवाब में साक्ष्यों को नहीं देखा और मुकदमा लिख दिया मगर होना ये चाहिए था कि पहले साक्ष्यों को इकट्ठा किया जाता कि पुलिस को बताई गई बात का कोई मिलान हो भी पा रहा है या नही। अय्याश मुस्तकीम ने बताया कि पत्रकार गुलाम साबिर आजाद शनिवार सुबह 11 बजे चांद अल्वी और नावेद के साथ परसखेड़ा गए तो कहीं न कहीं की सीसीटीवी फुटेज आसानी से प्राप्त की जा सकती है। अगर सीसीटीवी फुटेज या कॉल डिटेल मिल जाए तो समझा जाए कि दोनों दोषी हैं अन्यथा नहीं समझा जाए।

मुस्तकीम बोला निपट गया मामला चलो फैक्टरी और आपका बकाया देता हूं।

अय्याश मुस्तकीम ने गुलाम साबिर आजाद से कहा कि तुम्हारा बकाया है चलो फैक्टरी चल कर दे देते हैं तुम अपने पैसे भी ले लेना और ओमवीर यादव के भी दले लेना। पत्रकार गुलाम साबिर आजाद अपने साथ चांद अल्वी और अय्याश मुस्तकीम को लेकर फैक्ट्री पहुंचे तो अय्याश मुस्तकीम ने दरवाजा बंद कर ताला लगा लिया और बंधक बनाकर कहने लगा कि कि अब मैं अपनी फैक्ट्री की महिलाओं से तुम्हारी ऊपर छेड़छाड़ का मुकदमा लिखाऊंगा और फिर कहा कि मेरा मामला निपटा नही है मैं तो तुम्हे झूठ बोलकर निकल आया हूं। इसके बाद मुस्तकीम ने डायल 112 को फोन कर बुलाया डायल 112 मौके पर पहुंची उस बख्त की सारी ऑडियो रिकॉर्डिंग चांद अल्वी के मोबाइल में मौजूद है। इसके बाद चांद अल्वी ने फोन कर चौकी इंचार्ज किला को पूरी घटना क्रम के बारे में बताया, तब तक चौकी परसाखेड़ा की चीता सबको लेकर चौकी परसखेड़ा पहुंच गई और चौकी इंचार्ज किला अपने साथ कांस्टेबल को लेकर चौकी पहुंचे और धोखा देकर भागे मुस्तकीम को लेकर थाने चले गए।

 

जी न्यूज के पत्रकार ने बदल दिया खेल

इस दौरान अय्याश मुस्तकीम के गलत कामों शरीक जी न्यूज के पत्रकार अजय कश्यप को बुलाया और फिर अधिकारियों पर दवाब बनाकर मुकदमा लिखा दिया गया , जबकि पुलिस ने कोई भी जांच नहीं की।

 

मुस्तकीम ने अपनी तहरीर में कहा कि 11 बजे पहुंचे थे परसखेड़ा

अय्याश मुस्तकीम ने अपनी तहरीर में लिखा है कि 11 बजे पत्रकार गुलाम साबिर आजाद , चांद अल्वी और नावेद 11 बजे परसखेड़ा पहुंचे थे उससे 2 हजार रुपए लेकर आए थे तथा लड़की को पहुंचाने का वायदा करके आए थे तो अय्याश मुस्तकीम के पास जाने का कोई भी सीसीटीवी फुटेज कॉल डिटेल तो मौजूद होना चाहिए। कहीं न कहीं तो सीसीटीवी फुटेज में आयेंगे, जबकि परसखेड़ा में तो बहुत सारे सीसीटीवी कैमरा लगे हुए हैं अय्याश मुस्तकीम की फैक्ट्री में भी कैमरा लगे हुए हैं वहां की भी फुटेज देखी जा सकती है।

 

नहीं है लड़की से कोई लिंक

 

पत्रकार गुलाम साबिर आजाद का कोई भी लिंक कभी भी मुकदमे में सामिल लड़की से नहीं है न ही पहले से कोई पहचान है है वो लड़की चौकी किला में मिली थी और इससे पहले की पुलिस सीडीआर के जरिए देखे कि कभी उससे बात हुई हो या कभी कहीं मुलाकात हुई तो माना जाए कि ये षड्यंत्र है नहीं

तो असली षड्यंत्रकारियों पर मुकदमा हो।

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