नहीं रहे नेताजी , धरतीपुत्र मुलायम सिंह यादव का निधन
धरती पुत्र विपक्ष को अपना मित्र समझने वाले सपा के संस्थापक वह संरक्षक नेताजी मुलायम सिंह यादव आज नहीं रहे। 82 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस लीं।
भारतीय राजनीति में बहुत कम नाम हैं जिनको दलगत राजनीति से ऊपर सम्मान मिला। नेताजी जन नेता थे ।ठप्पा जरूर पिछडों व अल्पसंख्यकों के नेता का था पर उनको हर समय,हर पार्टी के लोगों ने सम्मान दिया। समाजवादी पार्टी के बहुत विरोधी होंगे पर नेता जी के नाम पर कोई विरोध कहीं भी नही हैं। आज भारत ने जन नेता खोया हैं। साधारण परिवार से आने के बाद भी नेताजी ने जो सम्मान हासिल किया ऐसे उदाहरण भारतीय राजनीति में बहुत कम हैं।
उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को इटावा जिले के सैफई गांव में हुआ था। मौजूदा वक्त में वह मैनपुरी सीट से लोकसभा सांसद हैं। वह 8 बार विधायक और 7 बार लोकसभा सांसद भी चुने जा चुके हैं।
पांच दशक तक राजनीति में सक्रिय रहे मुलायम सिंह यादव
पांच दशक के दौरान वह – 1967, 1974, 1977, 1985, 1989, 1991, 1993 और 1996- 8 बार विधायक रहे।1977 उत्तर प्रदेश सरकार में सहकारी और पशुपालन मंत्री रहे। लोकदल उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष भी रहे।1980 में जनता दल प्रदेश अध्यक्ष रहे। 1982-85- विधानपरिषद के सदस्य रहे। 1985-87- उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे। 1989-91 में उत्तर प्रदेश के सीएम रहे। 1992 में समाजवादी पार्टी का गठन किया। 1993-95- उत्तर प्रदेश के सीएम रहे। 1996- सांसद बने। 1996-98- रक्षा मंत्री रहे। 1998-99 में दोबारा सांसद चुने गए। 1999 में तीसरी बार सांसद बन कर लोकसभा पहुंचे और सदन में सपा के नेता बने। अगस्त 2003 से मई 2007 में उत्तर प्रदेश के सीएम बने। 2004 में चौथी बार लोकसभा सांसद बने। 2007-2009 तक यूपी में विपक्ष के नेता रहे। मई 2009 में 5वीं बार सांसद बने। 2014 में 6वीं बार सांसद व 2019 से 7वीं बार सांसद बने।
कई नेताओं ने दी अश्रुपूरित विनम्र श्रद्धांजलि
धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव के निधन से राजनीति के पाल्हे में अंधेरा छा गया है। राजनीति का अखाड़ा शून्य हो गया है। पूर्व रक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव के निधन पर कई राजनेताओं ने भावपूर्ण अश्रुपूरित विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।