स्टेशन रोड पर नगर निगम की बड़ी कार्रवाई: अवैध कब्जा हटाकर दुकानों पर लगाए ताले, संपत्ति पर दोबारा कायम किया अधिकार
न्यायालय के आदेश पर सील की गई दुकानें, संचालकों ने लगाए जमीन खरीदने के दावे, नगर निगम पर धांधली के आरोप

बरेली, 10 मई : नगर निगम बरेली ने शनिवार को शहर के प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्र स्टेशन रोड पर एक अहम कार्रवाई को अंजाम देते हुए नगर निगम की बहुमूल्य संपत्ति को अवैध कब्जे से मुक्त कराया। कार्रवाई के तहत किसी भी दुकान को तोड़ा नहीं गया, बल्कि नगर निगम ने कब्जाधारी दुकानों को सील करते हुए उन पर अपने ताले लगा दिए और संपत्ति पर दोबारा अधिकार स्थापित किया।
कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई कार्रवाई
नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई न्यायालय विहित प्राधिकारी एवं नगर मजिस्ट्रेट बरेली के आदेशों के अनुपालन में की गई। निगम ने पूर्व में ही कब्जाधारियों को नोटिस जारी किए थे—पहला 13 दिसंबर 2024 को और दूसरा 20 जनवरी 2025 को—जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि वे नगर निगम की भूमि पर अवैध रूप से व्यवसाय कर रहे हैं और उन्हें तत्काल भूमि खाली करनी होगी।
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हालांकि, कब्जाधारियों ने इसका विरोध करते हुए 7 जनवरी 2025 को यह सूचना दी थी कि वे आदेश के खिलाफ जिला जज, बरेली की अदालत में अपील दायर कर चुके हैं। मगर चूंकि उन्हें वहां से कोई स्थगन आदेश नहीं मिला, नगर निगम को कार्रवाई करने का पूरा कानूनी अधिकार प्राप्त हुआ।
दुकानदारों ने लगाए आरोप, बोले—हमने जमीन खरीदी है
सील की गई दुकानों के संचालकों ने नगर निगम की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे वर्षों से इन दुकानों में व्यापार कर रहे हैं और उन्होंने यह जमीन बैनामे के ज़रिए खरीदी है। उनका आरोप है कि नगर निगम ने उनके वैध दस्तावेजों को नजरअंदाज करते हुए जबरन कब्जा किया है और यह पूरी प्रक्रिया एकतरफा और अन्यायपूर्ण है।
नगर निगम का पक्ष—संपत्ति नगर निगम की है, दस्तावेज वैध नहीं
वहीं नगर निगम का कहना है कि जिन संपत्तियों पर कार्रवाई की गई है वे राजस्व अभिलेखों के अनुसार निगम की हैं। नगर निगम के पास संबंधित भूमि के स्वामित्व से जुड़े सभी वैध दस्तावेज उपलब्ध हैं और कब्जाधारियों द्वारा प्रस्तुत बैनामे या अन्य दस्तावेज विधिक जांच में अमान्य पाए गए हैं।
नगर निगम ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई पूर्णतः नियमों और न्यायालय के आदेशों के अनुसार की गई है और इसमें कोई पक्षपात या दबाव नहीं था।

आने वाले दिनों में और सख्त कदमों की तैयारी
नगर निगम अधिकारियों ने यह संकेत दिया है कि शहर में अन्य स्थानों पर भी जहां नगर निगम की संपत्तियों पर अतिक्रमण हुआ है, वहां इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी। निगम ने कहा कि वह सार्वजनिक संसाधनों की रक्षा के लिए कृतसंकल्प है और किसी भी तरह के अवैध कब्जे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
न्यायिक और प्रशासनिक टकराव का नया मोड़
हालांकि कार्रवाई के बाद जो आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हुआ है, उससे यह मामला अब केवल प्रशासनिक न रहकर कानूनी और नैतिक दृष्टि से भी बहस का विषय बन गया है। दुकानदार अपने अधिकारों की बात कर रहे हैं, वहीं नगर निगम कानूनी प्रक्रिया और दस्तावेजों का हवाला देकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर रहा है।
स्टेशन रोड की यह कार्रवाई शहर में अतिक्रमण के खिलाफ नगर निगम की नीति को दर्शाती है। हालांकि दुकानदारों के आरोपों ने इस कार्रवाई को एक नए विवाद की ओर मोड़ दिया है, जिसका समाधान अब अदालत और प्रशासन की पारदर्शिता पर निर्भर करेगा।