बरेली में मौलाना तौकीर रजा की नजरबंदी, सरकार और पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
रिपोर्ट-सैयद मारूफ अली

बरेली उत्तर प्रदेश : इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान को पुलिस ने उनके घर में नजरबंद कर दिया। यह कार्रवाई उनके द्वारा 14 जून को 10 अन्य लोगों के साथ सामूहिक गिरफ्तारी देने के ऐलान के बाद की गई। मौलाना ने सरकार और पुलिस पर मुसलमानों के खिलाफ भेदभावपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाया है। उनके इस ऐलान के बाद बरेली में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई, और शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया। मौलाना ने कहा कि यह आंदोलन पूरे देश में फैलेगा और यह एक नई क्रांति की शुरुआत है।

मौलाना का ऐलान और पुलिस की कार्रवाई
मौलाना तौकीर रजा ने 12 जून को ऐलान किया था कि वह 14 जून को दोपहर 1 बजे अपने 11 समर्थकों के साथ गिरफ्तारी देंगे। यह कदम उन्होंने सरकार की कथित एकतरफा कार्रवाइयों, जैसे लिंचिंग, बुलडोजर की कार्रवाई, और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने के विरोध में उठाया था। उनके ऐलान के बाद शनिवार रात को पुलिस ने उनके घर और आसपास के इलाकों में भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया। मौलाना को घर से निकलने से रोक दिया गया, जिसे उन्होंने पुलिस द्वारा “पैनिक क्रिएट करने” की कोशिश करार दिया। उन्होंने कहा, “मैंने साफ कहा था कि कोई भीड़ नहीं होगी, केवल 11 लोग गिरफ्तारी देंगे, लेकिन पुलिस ने मुझे बलपूर्वक रोका।”
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आरोप: सरकार और पुलिस की सांप्रदायिक नीति
मौलाना ने सरकार और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार आतंकवादी संगठनों जैसे बजरंग दल को संरक्षण दे रही है, जबकि मुसलमानों पर अत्याचार हो रहे हैं। “रोज लिंचिंग हो रही है, मस्जिदों और मदारिस पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं, लेकिन गौसेवा के नाम पर गुंडे खुलेआम हिंसा करते हैं और उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती,” उन्होंने कहा। मौलाना ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकार की आपसी सियासत में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “दिल्ली और लखनऊ की लड़ाई में मुसलमान पिस रहे हैं।”
नई क्रांति की शुरुआत
मौलाना ने अपने आंदोलन को एक नई क्रांति की शुरुआत बताया। उन्होंने कहा कि यह सिलसिला रुकने वाला नहीं है। “आज 11 लोग गिरफ्तारी देंगे, कल 72, फिर 313, और फिर 917 लोग गिरफ्तारी देंगे। यह आंदोलन पूरे हिंदुस्तान में फैलेगा,” उन्होंने ऐलान किया। मौलाना ने सभी देशप्रेमियों, जिसमें हिंदू भाइयों को भी शामिल किया, सबको इस मुहिम में साथ देने की अपील की। उन्होंने कहा, “हम संविधान की रक्षा के लिए यह कदम उठा रहे हैं।”
पुलिस की भूमिका पर सवाल
मौलाना ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस अंग्रेजों के बनाए मैनुअल पर काम कर रही है और देशप्रेमी मुसलमानों पर लाठियां और गोलियां चला रही है। उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि बरेली में एक बच्चे की मौत के बाद डेढ़ सौ लोगों को जेल में डाल दिया गया और पूरी बस्ती पर बुलडोजर चलाया गया। उन्होंने कहा , “क्या यह न्याय है?” मौलाना ने यह भी कहा कि पुलिस और सरकार हिंदू बनकर काम कर रही है, जो सभी धर्मों के लिए समान होनी चाहिए।
सुरक्षा व्यवस्था और माहौल
मौलाना के ऐलान के बाद बरेली में तनाव का माहौल है। शहर के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात किए हैं। मौलाना के समर्थकों को भी सख्त हिदायत दी गई है कि कोई अवैध सभा नहीं होगी। पुलिस का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी था।
मौलाना तौकीर रजा का यह आंदोलन और उनकी नजरबंदी बरेली में एक बड़े विवाद का केंद्र बन गया है। उनके समर्थक इसे संविधान और अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा की लड़ाई बता रहे हैं, जबकि पुलिस इसे कानून-व्यवस्था की स्थिति से जोड़ रही है। इस घटना ने एक बार फिर धार्मिक और सामाजिक तनाव को उजागर किया है, जिसका असर पूरे प्रदेश में देखा जा सकता है।