करोड़ों की ठगी के शिकार निवेशकों ने मोदी सरकार से लगाई गुहार, कहा- BUDS ACT के बावजूद नहीं मिला भुगतान

बरेली: जिले समेत देशभर में चिटफंड और अन्य गैरकानूनी वित्तीय योजनाओं में ठगे गए हजारों जमाकर्ताओं की पीड़ा दिनों-दिन गहराती जा रही है। BUDS ACT 2019 के तहत 180 दिनों में भुगतान का वादा सरकार ने किया था, लेकिन महीनों गुजर जाने के बाद भी पीड़ितों को उनकी जमाराशि नहीं मिली। बरेली में ठगी के शिकार सैकड़ों निवेशकों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्याय की गुहार लगाई।
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BUDS ACT लागू होने के बाद भी नहीं मिली राहत
बरेली के सिविल लाइंस स्थित जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में सोमवार को दर्जनों पीड़ित निवेशक परिवारों ने एकत्र होकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा लागू Banning of Unregulated Deposit Schemes (BUDS) Act 2019 और उत्तर प्रदेश सरकार के UPPID ACT 2016 का हवाला देते हुए मांग की कि उन्हें उनकी जमा पूंजी का 2 से 3 गुना भुगतान तुरंत किया जाए।
पीड़ितों ने आरोप लगाया कि सरकार ने फार्म भरवाकर औपचारिकताएं तो पूरी कर लीं, लेकिन अब तक किसी को भी भुगतान नहीं किया गया है। उनका कहना है कि 180 दिन की समयसीमा पूरी हो चुकी है, फिर भी कोई समाधान नहीं निकल पाया।
भुखमरी की कगार पर पहुंचे पीड़ित परिवार
इस दौरान संगठन के जिला सचिव पूरन लाल मौर्य ने बताया कि सरकार की निष्क्रियता और उदासीन रवैये के चलते कई पीड़ित परिवार भुखमरी और गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जमाकर्ताओं ने अपनी जीवनभर की कमाई इन कंपनियों में निवेश की थी, लेकिन अब न्याय और राहत के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।
मौर्य ने मांग की कि सरकार सभी एजेंटों को सुरक्षा प्रदान करे, उन्हें सम्मान दे और रोजगार की गारंटी भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि चिटफंड कंपनियों के एजेंट भी उतने ही पीड़ित हैं, जितने जमाकर्ता।
31 जुलाई से आंदोलन की चेतावनी, संसद भवन का घेराव
संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर 30 जुलाई तक मांगें नहीं मानी गईं, तो 31 जुलाई से मथुरा की भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि, फरह गांव में अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया जाएगा। इसके बाद सभी पीड़ित मथुरा से दिल्ली तक पदयात्रा करेंगे और संसद भवन का घेराव करेंगे। इस आंदोलन को लेकर संगठन ने व्यापक तैयारी शुरू कर दी है और अन्य जिलों में भी समर्थन जुटाया जा रहा है।
ज्ञापन सौंपने वालों में ये लोग शामिल
ज्ञापन देने वालों में पूरन लाल मौर्य, मुन्ना लाल, हरीश कुमार शर्मा, वीरेंद्र कुमार गुप्ता, गुड्डी गुप्ता, कशिश गुप्ता, रामकिशोर मौर्य, मुकेश कुमार मौर्य, किशोर कुमार, अमर कुमार, बाबूराम मौर्य, शांति देवी, नीलम, गफ्फार अली, श्यामलाल मौर्य समेत कई अन्य पीड़ित निवेशक शामिल रहे।
BUDS ACT और UPPID ACT जैसी कानूनी व्यवस्थाएं होने के बावजूद निवेशकों को राहत नहीं मिल रही है, जिससे उनके मन में सरकार की नीयत और नीतियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि क्या केंद्र और राज्य सरकारें इन पीड़ितों की आवाज़ सुनकर उन्हें न्याय दिला पाएंगी या आंदोलन की राह ही उनका अंतिम सहारा बनेगा।