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प्रशासन-पुलिस एवं खनन विभाग के बरदहस्त से हो रहा अवैध खनन

▪️ अल्तमश सिद्दीकी

बरेली । मिट्टी व बालू के अवैध खनन का धंधा सरकार की लाख कोशिशों व निर्देशों के बाद भी जिलेभर मे बदस्तूर जारी है। खनन विभाग की मिलीभगत,प्रशासन की शह और पुलिस की कृपा से खनन माफियाओं की हिम्मत व हौसले इतने बुलंद हैं कि वो दूसरों के खेत मे खनन तक करने से नहीं चूक रहे। इसका एक उदाहरण अभी 3 दिन पहले ही सीबीगंज थाना क्षेत्र के सनैयारानी मेवा कुंवर के एक युवक के एसएसपी दफ्तर मे खनन माफियाओं द्वारा उसके खेत मे जबरन खनन करने की शिकायत कर माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई की गुहार लगाने से पता चलता है ।

जेसीबी से धरती की कोख चीर कर माटी निकालने बाले खनन माफियाओं द्वारा यह कालाधंधा बरेली मे कोई नई बात नहीं है।पिछले कई सालों से यह धंधा लगातार जारी है। बिथरी चैनपुर थाना क्षेत्र के कचोली,महेशपुरा, मोहम्मदीन, सीबीगंज थाना क्षेत्र के सनैया रानी मेवा कुंवर, भोजीपुरा के जटौआ,घुरसमसपुर आदि जगहों पर बड़े स्तर पर जेसीबी से खनन का कार्य जोरों पर चल रहा है।

पुलिस-प्रशासन और खनन विभाग तथा नेताओं के कॉकटेल से यह और भी अधिक मजबूत रूप से लगातार फैलता गया।अवैध खनन से होने बाली अच्छी कमाई के इन विभागों व नेताओं तक पहुंचने के चलते बस कभी-कभार खानापूर्ति के लिए एक-दो ट्रैक्टर-ट्रालियों को पकड़कर बंद कर दिया जाता हैं।जबकि खनन करने बाली बड़ी मछलियां पुलिस-प्रशासन के हाथ से हमेशा दूर रहती हैं।

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जानकारों का कहना है कि मिट्टी व बालू से होने बाली आमदनी में से संबधित थाना क्षेत्र की पुलिस और प्रशासन तथा जिले के खनन विभाग को बड़ा हिस्सा पहुंचाया जाता है। जिसके चलते सरकार के राजस्व को करोडों का चूना लगाने बाले इस काले धंधे पर पुलिस-प्रशासन कभी अंकुश नहीं लगा पाते।

इसके अलावा कई क्षेत्रों मे सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े नेताओं का भी खनन माफियाओं को खुला बरदहस्त प्राप्त है।इसलिए खनन के इस गोरखधंधे पर प्रशासन का बड़ा शिकंजा कभी देखने को नहीं मिलता ।सरकार के स्तर से जब बहुत ज्यादा दवाब होता है तो बस दिखावे और खानापूर्ती के लिए खनन विभाग,पुलिस-प्रशासन की थोड़ी बहुत कुंभकरणी नींद टूटती है और एक-दो ट्रालियों को बंदकर कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है।

अवैध खनन के कार्य को अंजाम देने बाले यह माफिया अपने काम मे इतने निपुण हो गये हैं कि शासन स्तर के दबाव के चलते जब दिन के समय पुलिस की सख्ती अधिक होती है तो यह अपने कार्य को रात के सुनसान सन्नाटों मे अंजाम देने लगते हैं।

सूत्रों की मानें तो अवैध खनन के कारोबार को पिछले कई बर्षों के दौरान फल-फूलने मे पुलिस-प्रशासन और खनन विभाग तथा सफेदपोशों का बड़ा संरक्षण रहा है। इन विभागों के अफसरों के खनन माफियाओं से याराने के चर्चे जगजाहिर रहे हैं।इसलिये बरेली मे खनन माफियाओं के विरुद्ध इन विभागों द्वारा कभी भी बड़ी और अहम कार्रवाई नहीं देखने को मिलती है।

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