वार्ड 18 रेलवे कॉलोनी में छठ महापर्व की भव्य धूम, धार्मिक आस्था और लोक परंपराओं का अनूठा संगम
बरेली के वार्ड 18 रेलवे कॉलोनी में छठ महापर्व का आयोजन अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ किया जा रहा है। सिद्धार्थ नगर स्थित हनुमान मंदिर रोड नंबर 8 रेलवे क्रॉसिंग के पास, रोड नंबर 6 और रोड नंबर 7 पर कई वर्षों से चल रही इस धार्मिक परंपरा में स्थानीय बिहारी समाज के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। तीन दिन तक चलने वाले इस पावन पर्व में व्रतधारी महिलाएं कठोर नियमों का पालन करती हैं और सूर्य उपासना के माध्यम से लोक कल्याण, परिवार की खुशहाली तथा संतानों के दीर्घायु जीवन की कामना करती हैं। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ-साथ उदयाचल सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर व्रत का समापन किया जाता है। पूजा स्थलों पर स्वच्छता एवं सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की गई है। वार्ड की पार्षद सुधा सक्सेना ने सभी आयोजन स्थलों का निरीक्षण कर श्रद्धालुओं की सुविधा और स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। छठ मैया के जयकारों से पूरा इलाका भक्तिमय हो उठा है। यह पर्व लोकसंस्कृति, सामाजिक एकजुटता और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक बनकर वार्ड 18 में सांस्कृतिक उत्सव का रूप ले चुका है।

बरेली। वार्ड 18 रेलवे कॉलोनी में छठ महापर्व इस वर्ष भी बड़ी श्रद्धा, भक्ति और सामाजिक समरसता का प्रतीक बनकर दिखाई दे रहा है। स्थानीय बिहारी समाज द्वारा वर्षों से चली आ रही यह परंपरा अब जन-पर्व का रूप ले चुकी है, जिसमें सभी जाति, वर्ग और समुदाय के लोगों की सहभागिता देखी जा रही है।
छठ महापर्व की धार्मिक महिमा और पारंपरिक आस्था
छठ महापर्व को हिंदू धर्म का सबसे कठोर और पवित्र व्रत माना जाता है। तीन दिन तक चलने वाले इस व्रत की शुरुआत नहाय-खाय से होती है, जिसमें व्रती महिलाएं शुद्ध भोजन ग्रहण करती हैं। दूसरे दिन खरना के अवसर पर व्रतधारी निर्जला उपवास रखती हैं और भगवान सूर्य को गुड़-चावल का नैवेद्य अर्पित कर प्रसाद ग्रहण करती हैं। तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य और चौथे दिन उदयाचल सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया जाता है।
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वार्ड 18 में भव्य तैयारियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम
सिद्धार्थ नगर, रोड नंबर 6, 7 और हनुमान मंदिर रोड नंबर 8 पर निर्मित घाटों को रंग-बिरंगी रोशनी, फूलों और तोरण द्वारों से सजाया गया है। महिलाओं एवं बच्चों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया, जिसमें लोकगीतों, छठ मईया के भजनों और पारंपरिक झांकियों ने सभी का मन मोह लिया।
सफाई और सुरक्षा व्यवस्था का विशेष ध्यान
वार्ड की पार्षद सुधा सक्सेना ने प्रत्येक पूजा स्थल का निरीक्षण किया और सफाई कर्मियों को चौबीसों घंटे मौजूद रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा,
“छठ एक आस्था का पर्व है, जहां स्वच्छता और श्रद्धा दोनों का संतुलन जरूरी है। हमारी प्राथमिकता श्रद्धालुओं को सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण प्रदान करना है।”

श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, वातावरण हुआ भक्तिमय
पूरे वार्ड में छठ मैया के गीत गूंज रहे हैं। महिलाएं साड़ी और पारंपरिक परिधान में व्रत रखकर पूजा विधान कर रही हैं। घाटों पर मिट्टी के दीए, केला, गन्ना, नारियल, ठेकुआ तथा फलों से बने प्रसाद की सुगंध वातावरण को पवित्र बना रही है।
सामुदायिक एकता और लोकसंस्कृति का जीवंत प्रतीक
यह पर्व सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक एकजुटता का भी संदेश देता है। वार्ड 18 में छठ महापर्व लोकसंस्कृति और आध्यात्मिक जागरण का ऐसा देवोत्सव बन गया है जो समरसता, सहयोग और भारतीय परंपरा की गौरवगाथा को दर्शाता है।
वार्ड 18 रेलवे कॉलोनी में मनाया जा रहा छठ महापर्व न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बन गया है, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और समाजिक सद्भाव का भी प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। श्रद्धालु छठ मैया से परिवार की सुख-समृद्धि और समाज के कल्याण की कामना कर रहे हैं, जिससे यह पर्व आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बन गया है।



