बरेली में रंगदारी, आगजनी और हमले का मामला: दबंगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज
रिपोर्ट - सैयद मारूफ अली

आरोपियों पर रंगदारी वसूलने, दुकान में आग लगाने और मारपीट करने के गंभीर आरोप, पुलिस की निष्क्रियता पर उठे सवाल
बरेली । उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में दबंगों के आतंक का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि अपराधी प्रवृत्ति के कुछ युवक बीते कई दिनों से व्यापारियों से रंगदारी वसूल रहे हैं। विरोध करने पर न केवल दुकानों में आगजनी की गई बल्कि दुकानदारों और उनके परिजनों पर जानलेवा हमला भी किया गया। पीड़ितों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। वहीं, घटना के बाद आरोपियों द्वारा सोशल मीडिया पर खुलेआम शराब पीते हुए वीडियो डालकर कानून को चुनौती देने की भी बात सामने आई है।

प्रीतम सिंह का आरोप: रंगदारी न देने पर हमला और तोड़फोड़
देवरनिया थाना क्षेत्र के कठर्रा निवासी प्रीतम सिंह, जो स्थानीय स्तर पर विशाल मेडिकल स्टोर चलाते हैं, उन्होंने अपने प्रार्थना पत्र में गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित के अनुसार, गाँव के ही मयंक वर्मा और शशांक वर्मा दो साल से उनसे रंगदारी वसूल रहे हैं। अब तक करीब 50 हजार रुपये वसूल किए जा चुके हैं। हाल ही में 17 और 18 अगस्त 2025 को आरोपियों ने उनसे 5 लाख रुपये की मांग की और चेतावनी दी कि यदि पैसे की व्यवस्था नहीं हुई तो उनकी दुकान बंद करा दी जाएगी।
खबर मे क्या क्या
19 अगस्त की सुबह जब प्रीतम अपनी दुकान की सफाई कर रहे थे, तो आरोपियों ने पास की दुकान (खाटू श्याम कन्फेक्शनरी) में आग लगा दी। इसके बाद प्रीतम पर गाली-गलौज कर छुरी और रॉड से हमला किया गया।
इस हमले में पीड़ित को सिर और शरीर पर गंभीर चोटें आईं। इतना ही नहीं, आरोपियों ने प्रीतम की मोटरसाइकिल और मोबाइल फोन तोड़ दिया, 5,500 रुपये नकद छीन लिए और दुकान में तोड़फोड़ कर लगभग 50 हजार रुपये का नुकसान पहुंचाया।
प्रीतम सिंह का आरोप है कि आरोपियों ने तमंचे से फायरिंग भी की और पूरे बाजार में आतंक फैलाने की कोशिश की। पीड़ित के मुताबिक उन्होंने घटना की सूचना थाने में दी, लेकिन उनकी तहरीर के कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को पुलिस ने नजरअंदाज कर दिया। अब तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

राजीव कुमार की दुकान में आगजनी और हमला
इसी मामले से जुड़ा दूसरा प्रार्थना पत्र राजीव कुमार ने दिया है, जो कठर्रा ढाल पर खाटूश्याम कन्फैक्शनरी नाम से दुकान चलाते हैं। राजीव के अनुसार, आरोपी मयंक और शशांक व उनके साथी अक्सर उनकी दुकान से सामान लेकर पैसे नहीं चुकाते। जब राजीव ने 18 अगस्त की रात उनसे 1,000 रुपये का हिसाब मांगा, तो आरोपियों ने गाली-गलौज की और मारपीट शुरू कर दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत कराया, लेकिन जाते-जाते शशांक ने धमकी दी कि अगली सुबह उसका छोटा भाई आकर हिसाब करेगा। अगले दिन सुबह ही पड़ोसी प्रीतम सिंह ने फोन पर बताया कि दुकान में आग लगाई जा रही है।
राजीव ने अपने चचेरे भाई मुकेश को मौके पर भेजा। वहां आरोपियों ने मुकेश को रॉड और छुरी से बुरी तरह पीटा, जिससे उसके शरीर पर गंभीर चोटें आईं। राजीव का कहना है कि पुलिस ने उनकी तहरीर भी अपने हिसाब से लिखवाई और मुल्जिमानों को बचाने का प्रयास किया।

सोशल मीडिया पर खुलेआम कानून की चुनौती
दोनों घटनाओं के बाद आरोपियों द्वारा सोशल मीडिया पर कई वीडियो पोस्ट किए गए। इन वीडियोज़ में आरोपी खुलेआम शराब पीते हुए और हंगामा करते नजर आ रहे हैं। पीड़ितों का कहना है कि यह वीडियो इस बात का सबूत है कि आरोपी किसी भी प्रकार के कानून से नहीं डरते और खुलेआम पुलिस-प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं।
पुलिस पर पक्षपात का आरोप
दोनों पीड़ितों का आरोप है कि स्थानीय पुलिस आरोपियों का पक्ष ले रही है और उनकी गिरफ्तारी से बचा रही है। प्रीतम सिंह का कहना है कि थाने में आरोपियों का आना-जाना है और वे अपने नाजायज धंधों से पुलिस को फायदा पहुंचाते हैं।
इसी वजह से अब तक किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया, जबकि मामले में रंगदारी, आगजनी, मारपीट, लूट और जानलेवा हमले जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं। राजीव कुमार का कहना है कि पुलिस ने उनकी तहरीर को भी बदलकर दर्ज किया और आरोपियों को लाभ पहुंचाया।
पीड़ितों की मांग: गिरफ्तारी और सुरक्षा
दोनों पीड़ितों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बरेली से गुहार लगाई है कि:
1. आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए।
2. व्यापारियों और उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
3. रंगदारी और आगजनी की घटनाओं में आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे में उनकी गिरफ्तारी की जाए और मुकदमे की निष्पक्ष जांच की जाए।
पीड़ितों का कहना है कि यदि समय रहते आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो क्षेत्र में कोई भी व्यापारी सुरक्षित नहीं रहेगा और कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है।
स्थानीय व्यापारियों में भय का माहौल
इन घटनाओं के बाद क्षेत्रीय व्यापारियों में जबरदस्त भय और आक्रोश है। दुकानदारों का कहना है कि यदि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया तो उनका व्यापार करना मुश्किल हो जाएगा। बाजार में अब कोई भी गवाही देने से डर रहा है क्योंकि आरोपियों का सीधा आतंक है।
बरेली जिले का यह मामला न सिर्फ रंगदारी और अपराध का, बल्कि पुलिस की निष्क्रियता का भी बड़ा सवाल खड़ा करता है। एक ओर व्यापारी लगातार डर और धमकी के साए में जी रहे हैं, वहीं आरोपी खुलेआम सोशल मीडिया पर अपनी दबंगई दिखा रहे हैं। अब देखना यह होगा कि क्या पुलिस प्रशासन इन दबंगों पर लगाम कसने के लिए ठोस कदम उठाता है या फिर पीड़ितों की गुहार यूं ही कागजों में दबकर रह जाती है।