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भीषण गर्मी को लेकर भाकियू टिकैत गुट ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया

बढ़ती भीषण गर्मी को लेकर भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट ने मुख्यमंत्री को संबोधित 14 बिंदु का ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि किए गए वृक्षारोपण में सरकार करोड़ों रुपए खर्च किए मगर वो रोपित वृक्ष बर्बाद गए। वृक्षों को बर्बाद करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। आवारा छुट्टा और पालतू पशुओं ने भी रोपित वृक्षों को बर्बाद किया है। आगे लगाए जाने वाले वृक्षों के बारे में भी ज्ञापन के माध्यम से योजना बताई।

बरेली : बढ़ती भीषण गर्मी को लेकर भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट ने मुख्यमंत्री को संबोधित 14 बिंदु का ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि किए गए वृक्षारोपण में सरकार करोड़ों रुपए खर्च किए मगर वो रोपित वृक्ष बर्बाद गए। वृक्षों को बर्बाद करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। आवारा छुट्टा और पालतू पशुओं ने भी रोपित वृक्षों को बर्बाद किया है। आगे लगाए जाने वाले वृक्षों के बारे में भी ज्ञापन के माध्यम से योजना बताई।

भाकियू टिकैत गुट के पदाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में कहा गया है कि बीते कई वर्षों से 25, 30, 35 करोड़ वृक्षों को अभियान चलाकर रोपित किया गया। यह अभियान सभी सरकारी विभागों , स्कूलों , कॉलेजों , ग्राम पंचायतों ,नगर पालिकाओं के द्वारा चलवाया गया। पिछली वर्ष 30 करोड़ पौधों को रोपित किया गया परंतु वह पौधे अब नजर नहीं आ रहे हैं, पिछले 6 वर्षों में बरेली जिले में 2 करोड़ पौधों को रोपित किया गया। एक ही दिन में सभी विभागों को पौधे रोपित करने के लिए कहा जाता है तो नर्सरी से आनन फानन में अपने अपने संसाधनों से पौधे ले जाए जाते हैं, जिससे पौधों की पॉलिथीन फट जाती है , मिट्टी बिखर जाती है और समय से पौधे नहीं लग पाते , अगले दिन पौधे लगाए जाते हैं जिससे कि वह पौधे नष्ट हो जाते हैं। वृक्षों को रोपित तो किया जाता है , मगर उनका रोपण करने के बाद कोई ध्यान नहीं दिया जाता। उनकी नराई ,गुड़ाई , सिंचाई किसी चीज का ध्यान नहीं दिया जाता , जिससे वह पौधे नष्ट हो जाते हैं। जिनकी जिम्मेदारी पर इन पौधों को रखा जाता है वह उन पौधों पर बिल्कुल ध्यान नहीं देते।

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कलेक्ट्रेट पर ज्ञापन देने पहुंचे भाकियू टिकैत गुट के पदाधिकारी

आवारा पशु, पालतू पशु ,उन पौधों को नष्ट कर देते हैं। किसान अपने पशुओं को चार ले जाने के लिए निकलते हैं तो उनके हाथ में दरांती, हसिया होता है ,वह उसे दरांती, हसिये से पशुओं के चारे के लिए पौधों को काट देते हैं। पौधों को नष्ट करने वालों को चिन्हित कर उनपर एफआईआर करने के लिए कहा गया था मगर अभी तक किसी पर एफआईआर नहीं हुई, उनको चिन्हित कर एफआईआर करने की मांग की। प्रत्येक घर में शौचालय बनाए गए हैं, मगर फिर भी सुबह के समय लोटा , डिब्बा लेकर लोग सौंच के लिए खेतों में जाते हैं और पौधों को , किसानों की थुनिया को उखाड़ कर ले जाते हैं , ऐसे लोगों पर एफआईआर की जाए और जिनके घर में शौचालय बनाए गए हैं वह सौंच के लिए बाहर जाते हैं उनसे धन की रिकवरी कराई जाए। आवारा सांड, जंगली सुअर ,वनरोज आदि किसानों की फसलों को और रोपित वृक्षों को बर्बाद कर रहे हैं ,ऐसे में लाइसेंस धारक किसानों को शूटिंग परमिट जारी किया जाए।

महानगर में लगने वाले फूलों के पौधों की जगह सायादार वृक्षों को रोपित किया जाए और जिनकी दुकानों के सामने इन पौधों को रोपित किया जाए, उनसे नारई,गुड़ाई और नियमित पौधों को पानी देने की हिदायत दी जाए , जिससे कि अगले समय में आने वाली भीषण गर्मी से लोगों को राहत मिल सके और शुद्ध वातावरण बना रहे।

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