महानगर कॉलोनी बनी कूड़ाघर, बीमारी का अड्डा – नगर आयुक्त बोले, हमारा एरिया नहीं

बरेली। महानगर कॉलोनी स्थित उमंग पार्ट-2 के निवासियों का सब्र अब टूट चुका है। नदी किनारे फेंके जा रहे कचरे और रात में जलाए जाने वाले प्लास्टिक के धुएं से परेशान लोगों ने सिटी मजिस्ट्रेट को प्रार्थना-पत्र सौंपकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि कॉलोनी का कचरा लंबे समय से नदी किनारे डाला जा रहा है, जबकि वे इसका निस्तारण शुल्क नियमित रूप से आरडब्ल्यूए संस्था को देते हैं।
निवासी सौम्या द्विवेदी और मनीष द्विवेदी ने बताया कि कचरा जलाने से उठने वाला जहरीला धुआं घरों में घुस जाता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत, खांसी और संक्रमण जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। क्षेत्र में लगातार फैल रही दुर्गंध, मच्छरों और मक्खियों के कारण बुजुर्गों और बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। कई बार शिकायत करने के बावजूद अब तक किसी जिम्मेदार ने ध्यान नहीं दिया।
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स्थानीय लोगों का कहना है कि खुले में कचरा फेंके जाने से पूरा इलाका गंदगी में तब्दील हो गया है। कई बार नगर निगम से शिकायत की गई, मगर कोई समाधान नहीं हुआ। नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने स्पष्ट कहा कि “वह इलाका नगर निगम की सीमा में नहीं आता, इसलिए वहां कार्रवाई नहीं की जा सकती।” इस बयान के बाद कॉलोनीवासी और अधिक नाराज हो गए हैं।
क्षुब्ध लोगों ने सिटी मजिस्ट्रेट से लिखित शिकायत दर्ज कराई है और चेतावनी दी है कि यदि समस्या का जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे न्याय के लिए हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाने को मजबूर होंगे। उन्होंने मांग की है कि नदी किनारे पड़े कचरे को तुरंत हटाया जाए और जो भी लोग कचरा जलाने या फेंकने की अनुमति दे रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
शिकायत करने वालों में सौम्या द्विवेदी, मनीष द्विवेदी, पूजा चौधरी, नीरज चौधरी, कमलेश गंगवार, मोनिका वर्मा, सोनल अग्रवाल, गगन अग्रवाल, सविता सक्सेना, अंकुर सक्सेना, पुष्पलता पटेल, जितेंद्र पटेल, नेहा श्रीवास्तव, दीपक पवार, उमा दीक्षित, रविन्द्र कुमार, मुकेश चंद्र, नेहा खां, प्रतीक अग्रवाल, मीरा शर्मा, रजत सिंह और रामकुमारी सहित कई लोग शामिल हैं।



