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भाभी के साथ दुष्कर्म करने वाले देवर को आजीवन कारावास की सजा

बरेली : आज भाभी के साथ दुष्कर्म करने वाले देवर को जनपद बरेली न्यायालय के न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट) प्रथम की अदालत के न्यायधीश रवि कुमार दिवाकर (एचजेएस) के द्वारा एक लाख के अर्थदंड के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

ये था मामला 

थाना सीबीगंज क्षेत्र की रहने वाली महिला जिसकी शादी को लगभग 10 वर्ष हो चुके थे परंतु उसके कोई औलाद नहीं थी। उसका पति बाहर रहकर काम करता था। महिला घर में अकेली रहती थी। उसका अकेलापन देखकर उसका तहेरा देवर उससे गलत तरीके की बातें करता रहता था, जिस पर महिला लगातार यह कहती थी कि वह इस तरीके की औरत नहीं है।

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उसके बाद उसके देवर ने उसे बताया कि उसके दो बच्चे हैं अब तीसरा बच्चा होने वाला है वह इस बच्चे को उसे दे देगा अगर वह उसकी बात माने तो इसपर महिला उसकी मीठी मीठी बातों में आ गई थी। महिला का कहना था कि उसके बगैर मर्जी से 8 माह तक उसके साथ दुष्कर्म किया और उससे 90,000 रुपए भी ले लिए।

महिला ने किया इनकार तो की जबरदस्ती

इसके बाद महिला ने बच्चा लेने से इनकार कर दिया और अपने रुपए वापस मांगे तो उसका देवर अपने भांजे के साथ उसके घर में घुस आया और उसे जबरन पकड़ लिया उसका भांजा वीडियो बनाता रहा और कहा कि बच्चा ले या ना ले मगर उसे खुश करना होगा। महिला ने इस बाबत थाने में तहरीर दी परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई।

एसएसपी के आदेश पर दर्ज हुआ था मुकदमा

इसके बाद महिला ने तत्कालीन एसएसपी के समक्ष प्रस्तुत होकर तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई जिसके बाद थाना सीबीगंज में मुकदमा पंजीकृत हुआ और मुकदमे में चार्जशीट दाखिल हुई। उसी मुकदमे में अपर सत्र न्यायाधीश(फास्ट ट्रैक कोर्ट) प्रथम की अदालत के न्यायधीश रवि कुमार दिवाकर (एचजेएस) ने आरोपी देवर  को एक लाख रुपए के अर्थदंड के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जबकि दूसरे आरोपी के खिलाफ कोई साक्ष्य न होने के कारण उसे दोषमुक्त किया गया है।

जज साहब ने कहा बेटियां कहां सुरक्षित हैं

इस दौरान जज साहब ने कविता सुनाई कि ‘‘माॅं ने कहा था,तुम लड़की हो,अकेले कहीं मत जाना,रात-विरात देर से मत आना,बात-बेबात मत खिलखिलाना,जमाना खराब है,किसी को कुछ मत बताना और लड़की ने सब माना,पर जब, उसका बलात्कार हुआ,तो ना तो, वो घर से बाहर थी,ना खिलखिला रही थी, बेटी तो घर पर ही थी,अब बोलो बेटियां कहां सुरक्षित हैं” जज साहब द्वारा सजा सुनाने के बाद मुजरिम देवर को आजीवन कारावास की सजा में जेल भेज दिया गया है।

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