BareillyLatestSocial ViralUttar Pradesh

नकली शहद की बिक्री की वजह से मधुमक्खी पालक भुखमरी के कगार पर

बरेली : मिलावटी शहद की बिक्री की वजह से असली शहद को लोग पूंछ भी नहीं रहे हैं। यहां तक की असली शहद की बिक्री ठप हो गई है , क्योंकि नकली अथवा मिलावटी शहद कम पैसों में उपलब्ध हो रहा है। नकली शहद के बाजार में आने की वजह से असली शहद विक्रेताओं (मधुमक्खी पालक) की बिक्री ठप हो चुकी है , जिस वजह से वह भूखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं । इसी को लेकर मधुमक्खी पलकों की संस्था मधुक्रांति बीफार्मर्स वेलफेयर सोसाइटी ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी के माध्यम से सौंपा है।

खबर मे क्या क्या

मधुमक्खी पलकों ने बताया कि वह पिछले काफी समय से संघर्ष कर रहे हैं , मगर मिलावटी शहद की बिक्री पर कोई लगाम नहीं लग पाई है। यहां तक की यह नकली शहद विदेश तक में निर्यात किया जा रहा है। इस शहर की वजह से असली शहद विक्रेताओं पर भी काफी फर्क पड़ रहा है, यहां तक कि उनकी बिक्री बिल्कुल ठप हो गई है। भारत में बिकने वाले शहद की गुणवत्ता पर लोग उंगलियां उठाने लगे हैं,धीरे-धीरे करके शहर की बिक्री बिल्कुल ठप होती चली जा रही है, इस वजह से मधुमक्खी पालक कर्ज में डूबते चले जा रहे हैं,और इसी को लेकर कई मधुमक्खी बालकों ने आत्महत्या तक कर ली है।

मधुमक्खी पलकों ने अपने ज्ञापन में मांग की है कि जो कीटनाशक विदेशों में प्रतिबंधित है जिनकी वजह से मधुमक्खी मर जाती है ऐसी कीटनाशक दवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाए साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे पेड़ पौधों को लगाया जाए जो मधुमक्खी फ्रेंडली हो। उन्होंने मांग की की शहद बेचने वाली कंपनियों के शहद को एसआईटी गठित कर उसकी गुणवत्ता की जांच की जाए और उसमें उनकी संस्था को भी शामिल किया जाए। अपनी मांगों को लेकर उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।

About Author

Related Articles

error: Content is protected !!