बझेड़ा-भगवानपुर के प्रत्याशी ने जारी किया संदेश
शाहजहांपुर-जिले ब्लॉक जैतीपुर की ग्राम पंचायत बझेडा-भगवानपुर में ग्राम प्रधान का इलेक्शन जीतने के बाद किसी भी ग्राम प्रधान ने उन जरूरी कार्यों को नहीं किया,जिसकी की गांव को आवश्यकता थी और अभी भी है।
मगर इस बार प्रधान पद के लिए खड़े शिक्षित प्रत्याशी डॉ.मोहम्मद यासीन ने उन खास मुद्दों को छुआ है जिसकी आवश्यकता ग्रामीणों को थी।
हिन्दू समाज के लोगों में यदि किसी की मौत हो जाये तो इस गांव में न तो शवदाह गृह न ही दसवां संस्कार के लिए कोई जगह है जिसके कि मृतक ग्रामीण का अंतिम संस्कार और उसके बाद दसवां संस्कार किया जा सके,इस बार बझेडा भगवानपुर से ग्राम प्रधान पद के लिए खड़े हुए प्रत्याशी डॉ. मोहम्मद यासीन ने इन सब कार्यों को कराने के लिए ग्रामीणों से बायदा किया है,साथ ही पम्पलेट जारी कर ये संदेश ग्रामीणों को दिया है कि यदि वो जीतते है तो गांव में किन किन कार्यो को कराएंगे।
डिग्री कॉलेज में फ्री किया जाएगा कन्याओं का एडमिशन
डॉ मोहम्मद यासीन का खेड़ा-भगवानपुर में डिग्री कॉलेज भी है उनका कहना है कि यदि वो जीते तो बझेडा-ग्रामपंचायत सहित खेड़ा ग्राम पंचायत की बालिकाओं को अपने कॉलेज में फ्री एड्मिसन देंगे साथ ही पहले से उनके कॉलेज में पड़ रही बालिकाओं को पास होने पर अगले क्लास में फ्री में एडमिशन दिया जाएगा।
हाई स्कूल इंटर की छात्राओं को पास होने पर दी जाएगी प्रोत्साहन राशि
उनका कहना है कि खेड़ा और बझेडा में रहने बाली हाई स्कूल और इंटर की छात्राओं को पास होने पर 5100 रुपये प्रोत्साहन राशि उनके द्वारा दी जाएगी।अगर वो ग्राम प्रधान बनते हैं तो ये सिलसिला लगातार उनके पूरे प्रधानी कार्यकाल तक यानी 5 वर्षों तक चलता रहेगा।
“कन्या समृद्धि” योजना के लाभ से वंचित हैं ग्रामीण
उनका कहना है कि “सुकन्या समृद्धि” योजना का ग्रामीणों को जानकारी के अभाव की वजह से लाभ नहीं मिल पाता,अगर वह ग्राम प्रधान बनते हैं तो उनकी खेड़ा भगवानपुर में पैदा होने वाली प्रत्येक कन्या को सुकन्या समृद्धि योजना का लाभ दिलाया जाएगा और बैंक में खाता खुलवा कर 5100 रुपए डलवाए जाएंगे जिससे कि बड़े होने पर वह उसके काम आए।
आवारा पशुओं की हो गई है वृद्धि,परेसान हैं ग्रामीण
गांव के अंदर आवारा पशुओं की संख्या में भारी वृद्धि हो चुकी है इसकी वजह से आवारा पशु किसानों की खेती को बर्बाद कर देते हैं किसानों ने खेती के बचाव के लिए अपनी खेती के चारों ओर तारों की बैरिकेडिंग कर रखी है जिससे उनकी खेती बर्बाद ना हो मगर इस बैरिकेडिंग लांघने के चक्कर में फंस कर आवारा पशु बुरी तरीके से घायल हो जाते हैं कहना है कि अगर वह प्रधान बनते हैं तो गांव के अंदर गौशाला को खुलवाया जाएगा जिससे आवारा पशुओं को भी आसरा मिल जाए और किसानों की खेती भी बर्बाद ना हो।
गांव में व्याप्त है बंदरों के आतंक
गांव के अंदर बंदरों का आतंक है बंदर हर दिन किसी न किसी को हमला कर घायल कर देते हैं पूरे गांव के अंदर भारी संख्या में बंदर हैं उनका कहना है कि वह पहले से ही इससे निजात पाने के लिए कार्यवाही कर रहे हैं बहुत जल्दी बंदरों के आतंक से गांव को छुटकारा मिल जाएगा।