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बरेली हिंसा: 56 लोग जेल, मौलाना तौकीर रजा सहित कई आरोपी गिरफ्तार

रिपोर्ट- सैयद मारूफ अली

बरेली। शहर में बीते शुक्रवार को हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद पुलिस और भीड़ के बीच टकराव ने हालात बिगाड़ दिए। यह पूरा विवाद “आई लव मोहम्मद” के नारे को लेकर भड़का था। मौलाना तौकीर रजा ने नमाज के बाद ज्ञापन देने का ऐलान किया था, लेकिन प्रशासन ने धारा 163 बीएनएस लागू कर दी थी और मौलाना को नजरबंद कर दिया था। इसके बावजूद भीड़ ने पुलिस की बात नहीं मानी और इस्लामिया इंटर कॉलेज ग्राउंड जाने की जिद की। इस दौरान पुलिस और भीड़ के बीच धक्का-मुक्की हुई और हालात काबू से बाहर होने लगे। अंततः पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर कर दिया। इस झड़प में 22 पुलिसकर्मी घायल हुए।

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मामला शांत कराने के बाद पुलिस ने सख्ती से कार्रवाई शुरू की और मौलाना तौकीर रजा सहित 12 लोगों को जेल भेज दिया गया। धीरे-धीरे जांच और गिरफ्तारियां बढ़ती गईं और अब तक 56 लोग जेल भेजे जा चुके हैं। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर थाना कोतवाली और थाना बारादरी क्षेत्र की पुलिस ने अलग-अलग अभियोग दर्ज किए और बड़ी संख्या में आरोपियों को गिरफ्तार कर हथियार, तमंचा, कारतूस और सरकारी हैण्डसेट तक बरामद किए हैं।

थाना कोतवाली पुलिस ने घटना को लेकर मुकदमा अपराध संख्या 489/2025 दर्ज किया। इसमें बीएनएस की विभिन्न धाराओं के साथ लोक संपत्ति नुकसानी निवारण अधिनियम और आर्म्स एक्ट लगाया गया। इस मुकदमे में अब तक कई अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में मुस्तकीम, जफरुद्दीन, मोहम्मद इमरोज, मुसारीफ शेख, शमशेर रजा, मोहम्मद उवैश, राहिल, मोहम्मद साजिद, समीर, मोहम्मद जीशान, फैसल, तोहिद खान, फरमान और नदीम खाँ के नाम शामिल हैं। पुलिस ने इनके कब्जे से एक तमंचा 12 बोर, दो जिंदा कारतूस और सरकारी बायरलैस हैण्डसेट बरामद किया।

वहीं, थाना बारादरी पुलिस ने इस घटना से जुड़े दो मुकदमे पंजीकृत किए। पहला मुकदमा अपराध संख्या 1145/2025 है, जिसमें अनीस सकलैनी, साजिद सकलैनी, नदीम समेत 14 नामजद और 100-150 अज्ञात लोगों पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया। आरोप है कि इन्होंने पुलिस पर फायरिंग की, पथराव किया और ईंट-पत्थर तथा एसिड की बोतलों से हमला किया। इस दौरान पुलिसकर्मी सिद्धांत चौधरी गोली से घायल हुए जबकि अन्य कई जवान पथराव और बोतल फेंकने से जख्मी हो गए।

दूसरा मुकदमा अपराध संख्या 1146/2025 में 28 नामजद और 200 से अधिक अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया। इसमें आरोप है कि उपद्रवियों ने हथियार, तख्तियां और एसिड की बोतल लेकर पुलिस पर हमला किया। घटनास्थल से फायर की गई कारतूस, पत्थर, एसिड की टूटी बोतलें और चप्पलें बरामद की गईं। जांच में सीसीटीवी फुटेज और चश्मदीद गवाहों के आधार पर पुलिस ने 12 और लोगों की पहचान कर गिरफ्तारी की।

इस पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि मौलाना तौकीर रजा और उनके समर्थकों ने प्रशासन की अपील और रोक को नजरअंदाज करते हुए भीड़ इकट्ठा की। कई स्थानों पर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई, लेकिन समय रहते पुलिस ने सख्ती दिखाकर बड़े नुकसान को टाल दिया। अब तक कुल 56 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं और आगे भी सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के आधार पर और गिरफ्तारियां होंगी।

प्रशासन का कहना है कि इस पूरे मामले में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। धार्मिक आस्था के नाम पर हिंसा फैलाने और पुलिस पर हमला करने वालों को कानून के तहत सख्त सजा दिलाई जाएगी। वहीं पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है। जिन लोगों ने कानून हाथ में लिया है, उनके खिलाफ सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं और जल्द ही बाकी उपद्रवियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।

इस घटना ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया है। शुक्रवार की नमाज के बाद शुरू हुआ यह विवाद अब बड़े कानूनी संकट में बदल चुका है। मौलाना तौकीर रजा की गिरफ्तारी और उनके समर्थकों पर मुकदमे से यह साफ है कि प्रशासन इस बार किसी तरह की ढील देने के मूड में नहीं है। 56 लोगों का जेल जाना इस बात का संकेत है कि बरेली पुलिस और प्रशासन उपद्रवियों के खिलाफ सख्ती बरतने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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