बरेली पुलिस ने बरामद किए 280 मोबाइल, कीमत 45 लाख, मालिकों को किए सुपुर्द

बरेली। बरेली पुलिस ने एक बार फिर आमजन के गुम और चोरी हुए मोबाइल फोनों की बरामदगी में बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने 280 मोबाइल फोन बरामद कर उनके वास्तविक मालिकों को सौंप दिए। इन मोबाइलों की कुल कीमत लगभग 45 लाख रुपये आंकी गई है। पुलिस की इस पहल से जहां लोगों के चेहरों पर मुस्कान लौटी, वहीं पुलिस की छवि भी जनहित में सक्रिय संस्था के रूप में और मज़बूत हुई।
सोमवार को रिज़र्व पुलिस लाइंस स्थित सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान पुलिस अधीक्षक दक्षिणी अंशिका वर्मा ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बरेली के निर्देशन में हर माह गुमशुदा मोबाइलों की तलाश के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में संबंधित अपर पुलिस अधीक्षक के पर्यवेक्षण में जनपद के विभिन्न थानों पर तैनात कंप्यूटर ऑपरेटरों और सर्विलांस सेल की संयुक्त टीम ने अक्टूबर माह में यह बड़ी सफलता हासिल की। टीम ने साइबर पोर्टल और तकनीकी संसाधनों की मदद से मोबाइलों का लोकेशन ट्रैक कर उन्हें बरामद किया।
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कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक दक्षिणी ने बरामद मोबाइल उनके वास्तविक स्वामियों को सौंपे। अपने गुम हुए मोबाइल वापस पाकर नागरिकों के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही थी। लोगों ने बरेली पुलिस का आभार व्यक्त किया और कहा कि पुलिस की इस मुहिम ने आम जनता का विश्वास और बढ़ाया है।
अभियान में उल्लेखनीय योगदान देने वाले नौ पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया गया। इनमें कंप्यूटर ऑपरेटर अजय कुमार थाना कैंट, कांस्टेबल अनुज कुमार थाना किला, कंप्यूटर ऑपरेटर वीरपाल थाना बारादरी, कांस्टेबल आदित्य जावला थाना सिरौली, कंप्यूटर ऑपरेटर अनुराग थाना फरीदपुर, कंप्यूटर ऑपरेटर निशांत शुक्ला थाना भुता, कांस्टेबल सुहैल थाना शीशगढ़, कंप्यूटर ऑपरेटर प्रीतम थाना नवाबगंज और महिला कांस्टेबल शालू थाना हाफिजगंज शामिल रहे। इन सभी को 500 रुपये नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के सम्मान से पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ता है और वे भविष्य में भी जनता की सेवा के लिए और अधिक समर्पण के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित होते हैं।
बरेली पुलिस ने वर्ष 2025 में अब तक कुल 2,376 मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनकी अनुमानित कीमत लगभग 4.65 करोड़ रुपये बताई गई है। पुलिस का कहना है कि “खोया मोबाइल वापस दिलाओ” अभियान आगे भी निरंतर जारी रहेगा, ताकि अधिक से अधिक नागरिकों को उनका खोया हुआ सामान वापस मिल सके।
जनपद पुलिस के इस प्रयास से न केवल तकनीकी दक्षता का परिचय मिलता है, बल्कि यह भी साबित होता है कि पुलिस अब पारंपरिक व्यवस्था से आगे बढ़कर आम जनता की डिजिटल जरूरतों को भी समझ रही है। इस अभियान ने पुलिस और जनता के बीच भरोसे की डोर को और मजबूत कर दिया है।



