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गोरखपुर में शिवसेना प्रदेश महासचिव पर हमला, निष्पक्ष जांच की उठी मांग

बरेली। गोरखपुर में शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के प्रदेश महासचिव मनोज उर्फ लल्लन दुबे पर हुए हमले और उन पर दर्ज फर्जी मुकदमों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। मामले में बरेली में शिवसेना पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसीएम को सौंपकर निष्पक्ष जांच और आरोपी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।

ज्ञापन सौंप कर उठाई आवाज

शिवसेना पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मंडल प्रमुख संतोष कुमार सिंह और जिला प्रमुख दीपक पाठक के नेतृत्व में आज शिवसेना पदाधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचा। यहां एसीएम को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपते हुए मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई।

पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि प्रदेश महासचिव मनोज दुबे के साथ हुई घटना लोकतांत्रिक व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। ऐसे मामलों में निष्पक्ष कार्रवाई न होना भ्रष्टाचार और दबंगई को बढ़ावा देता है।

हमला और धमकी का आरोप

जिला प्रमुख दीपक पाठक ने बताया कि 10 सितम्बर को गोरखपुर में मनोज दुबे पर लोक निर्माण विभाग (खंड-3) के अभियंता डी.के. सिंह और रंजन कुमार ने हमला किया। आरोप है कि इस दौरान 10–15 अज्ञात लोगों ने मिलकर उन्हें बुरी तरह पीटा, गाली-गलौज की, मोबाइल छीन लिया और यहां तक कि जान से मारने की कोशिश भी की।

बताया गया कि मनोज दुबे लगातार विभाग की अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। उन्होंने आरटीआई लगाकर कई मामलों का खुलासा किया था। इसी वजह से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं और हमले की साजिश रची गई।

एफआईआर दर्ज नहीं, उल्टा फर्जी मुकदमा

शिवसेना नेताओं ने आरोप लगाया कि घटना के तुरंत बाद मनोज दुबे ने पुलिस को 112 नंबर पर सूचना दी और तहरीर भी दी। पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद है, इसके बावजूद पुलिस ने उनकी एफआईआर दर्ज नहीं की।इसके उलट, अभियंता पक्ष की तहरीर पर मनोज दुबे के खिलाफ ही गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया। इस कार्रवाई को लेकर शिवसेना नेताओं में आक्रोश है और उन्होंने इसे भ्रष्टाचार विरोधी आवाज को दबाने की साजिश करार दिया है।

सुरक्षा और न्याय की मांग

शिवसेना पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस मामले की उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच कराई जाए। दोषी अधिकारियों और हमले में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही, मनोज दुबे को सुरक्षा मुहैया कराई जाए ताकि वह निर्भय होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रख सकें। नेताओं का कहना है कि अगर सरकार ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो शिवसेना राज्यव्यापी आंदोलन करने को बाध्य होगी।

ज्ञापन में शामिल पदाधिकारी

ज्ञापन सौंपने के दौरान मंडल प्रमुख संतोष कुमार सिंह और जिला प्रमुख दीपक पाठक के अलावा अंकुश रस्तोगी, अर्चित मिश्रा, विनोद मिश्रा, नवीन सक्सेना और आयुष वर्मा समेत अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि यह घटना केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उठी आवाज को कुचलने की कोशिश है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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