बरेली : बरेली के सीबीगंज थाने में तैनात एक दरोगा और एक आरक्षी को रिश्वतखोरी के मामले की शिकायत पर एसएसपी घुले सुशील कुमार चंद्रभान ने जांच के बाद निलंबित कर दिया है। दरोगा पर मारपीट के मामले में 10,000 रुपए की घूस मांगने का आरोप था। दोनों को निलंबित करते हुए विभागीय जांच के भी आदेश किए गए हैं।
पुलिस पर लगातार रिश्वतखोरी के आरोप लगना अब तेज हो गए हैं। एक तरफ एंटी करप्शन की टीम ने दो दरोगाओं को रिश्वतखोरी के मामले में रंगे हाथों पकड़कर मुकदमा लिखकर जेल भेज दिया इस मामले को अभी कुछ ही दिन बीते होंगे कि नया मामला सीबीगंज थाने से निकल कर सामने आ गया । यहां पर दरोगा रत्नेश कुमार ने एक आरक्षी के साथ मिलकर मारपीट के मामले में 10,000 रुपए की रिश्वत मांग की।
दरअसल सीबीगंज थाना क्षेत्र के गांव दौली रघुवर दयाल के रहने वाले जाकिर हुसैन का पैसों के लेनदेन को लेकर कोर्ट में मुकदमा विचाराधीन है ,बीती 5 जून को आरोपियों ने जाकिर हुसैन को घेर कर गाली-गलौज की और धमकी दी थी, इसी को लेकर जाकिर हुसैन ने 5 जून को ही सीबीगंज थाने में तैनात दरोगा रत्नेश कुमार को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया मगर दरोगा रत्नेश कुमार ने कोई कार्रवाई नहीं की उस प्रार्थना पत्र को आरक्षी दीपक कुमार को दे दिया। दीपक कुमार ने जाकिर हुसैन से फोन करके 10,000 रुपए रिश्वत की मांग की ,दीपक कुमार ने कहा कि अगर 10,000 रुपए दोगे तो दरोगा जी पूरे मामले में कार्यवाही करेंगे और तहरीर में भी कुछ बदलाव करने को कहा । गुरुवार को जाकिर हुसैन ने दीपक कुमार से हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग एसएसपी घुले सुशील कुमार चंद्रभान को सुनाई और बताया कि दरोगा रत्नेश कुमार और आरक्षी दीपक कुमार उससे 10,000 रुपए की रिश्वत की मांग कर रहे हैं , जिस पर दोपहर 12:00 बजे एसएसपी घुले सुशील कुमार चंद्रभान ने एएसपी साउथ मानुष पारीक को मामले की जांच करने को कहा। एएसपी ने मामले में एसएसपी को रिपोर्ट दी जिसमें दरोगा रत्नेश कुमार और आरक्षी दीपक कुमार की संलिप्तता पाई गई थी। इसके बाद एसएसपी घुले सुशील कुमार चंद्रभान ने गुरुवार शाम 6:00 बजे दरोगा रत्नेश कुमार और आरक्षी दीपक कुमार दोनों को निलंबित कर दिया साथ ही विभागीय जांच भी शुरू कर दी।
दरोगा रत्नेश कुमार का रिश्वतखोरी का यह पहला मामला नहीं है । इससे पहले भी रिश्वतखोरी के कई मामले दरोगा रत्नेश कुमार के प्रकाश में आए हैं ,ऐसे ही विवाद के चलते इंस्पेक्टर सीबीगंज राधेश्याम ने दरोगा का हल्का चेंज किया था।
दरोगा रत्नेश कुमार पर एक आरोप और लगा था कि थाना क्षेत्र के मलिन बस्ती की रहने वाली महिला का परतापुर चौधरी निवासी युवक ने दुष्कर्म किया था। उसका अश्लील वीडियो भी बना लिया था जिसको दिखाकर उसने कई बार महिला के साथ दुष्कर्म किया ,महिला इस दौरान गर्भवती भी हो गई थी। महिला ने आरोपी युवक से शादी का दबाव भी बनाया था।जिस मामले में थाना सीबीगंज में तहरीर दी गई थी। दरोगा रत्नेश कुमार ने मुकदमा न लिखने की बात कह कर आरोपी पक्ष से साढे 5 लाख रुपए वसूल लिए थे। मामले की शिकायत पुलिस के उच्च अधिकारियों से की गई थी और एसएसपी ने आंतरिक जांच भी कराई थी।
वहीं एक मामला और है जिसकी विवेचना रत्नेश कुमार द्वारा की जा रही थी। ये मुकदमा धारा 406,352,504 के तहत थाना सीबीगंज में पंजीकृत है। दरोगा रत्नेश कुमार द्वारा आरोपियों की मदद की जा रही थी । दरअसल इस मामले में लिखे मुकदमे में पूरी धाराओं को भी नहीं लिखा गया है और न ही दरोगा रत्नेश कुमार उन आरोपियों को मुकदमे में शामिल करना चाहते हैं। वादी द्वारा बनाई गई दीवार की जो तोड़फोड़ की गई थी और उसके घर पर पहुंचकर धमकियां दी गई थी उसकी धारा मुकदमे में शामिल नहीं की गई। दरोगा रत्नेश कुमार लगातार आरोपियों को बचाते रहे। कुछ दिन पूर्व वादी मुकदमा को फोन करके दरोगा रत्नेश कुमार ने मामले को रफा दफा करने के लिए पैसे दिलवाने की बात भी की थी,जिसकी रिकॉर्डिंग वादी के पास मौजूद है।
कुल मिलाकर दरोगा रत्नेश कुमार का भ्रष्टाचार से अच्छा खासा नाता रहा है। रिश्वतखोरी के मामले में दरोगा रत्नेश कुमार का कोई जवाब नहीं है। अगर किसी और व्यक्ति पर इस तरह की शिकायत होती तो उसको मुकदमा लिखकर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया जाता,मगर दरोगा रत्नेश कुमार को मात्र निलंबित किया गया और विभागीय जांच कराई जा रही है । जबकि इस तरीके के दोष पर ऐसे भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा लिखकर रिश्वतखोर दरोगा को सलाखों के पीछे पहुंचाना चाहिए था ,ताकि और कोई इस तरीके की रिश्वतखोरी करने से बाज आए और एक पुख्ता कार्रवाई की नजीर पेश हो।
वहीं एसएसपी का कहना है कि जनसुनवाई में भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीबीगंज के दरोगा और सिपाही को रिश्वतखोरी के मामले में निलंबित किया गया है और उनकी विभागीय जांच भी की जा रही है।