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गोवा के नाइट क्लब में भीषण आग, 23 लोगों की दर्दनाक मौत, मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश

पणजी । अरपोरा गांव में शनिवार देर रात एक नाइट क्लब में भयानक आग लगने की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 23 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें 20 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल हैं। आग लगने के बाद क्लब में अफरा-तफरी मच गई और अधिकांश लोगों की मौत दम घुटने से होने की बात सामने आ रही है।

स्थानीय समय के अनुसार यह हादसा रात करीब 12:04 बजे हुआ, जब नाइट क्लब में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। शुरुआती जांच में आग लगने की वजह गैस सिलेंडर में विस्फोट मानी जा रही है। आग इतनी तेजी से फैली कि बाहर निकलने का मौका कई लोगों को नहीं मिल सका। घटना की सूचना मिलते ही दमकल की कई गाड़ियां और दर्जनों एम्बुलेंस मौके पर पहुंच गईं। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां अब भी कई की हालत गंभीर बनी हुई है।

मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, गोवा

गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने स्वयं घटनास्थल का निरीक्षण किया और अधिकारियों को राहत व बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि इस हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है और सभी शवों को मलबे से बाहर निकाल लिया गया है। प्रशासन का कहना है कि हादसे के समय क्लब में सुरक्षा इंतजामों की स्थिति की भी जांच की जा रही है। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में देखा जा सकता है कि घायलों को निकालने के लिए एम्बुलेंस की लंबी कतारें लगी रहीं और राहतकर्मी रात भर जुटे रहे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर गहरा शोक जताते हुए कहा कि अरपोरा में हुई इस दुर्घटना से वे अत्यंत दुखी हैं। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से फोन पर बात कर स्थिति की जानकारी ली और हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया।

पर्यटन के लिए प्रसिद्ध गोवा में इस तरह की घटना ने सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। खास बात यह है कि इस साल की पहली छमाही में ही यहां करीब 55 लाख पर्यटक पहुंचे थे, जिनमें बड़ी संख्या विदेशी सैलानियों की भी रही है। ऐसे में यह हादसा पर्यटन उद्योग के लिए भी एक गहरी चिंता का विषय बन गया है।

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