छात्रा की मौत का गम जताने के बजाय , आरोपी टीचरों को बचाने के लिए रखेंगे स्कूल बंद
बरेली । आप सभी जानते हैं कि पिछले सोमवार को आजमगढ़ में एक छात्रा ने चिल्ड्रन गर्ल्स कॉलेज में छत से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। यह आत्महत्या उसने प्रिंसिपल और क्लास टीचर की प्रताड़ना की वजह से की थी। छात्रा के बैग से एक कीपैड मोबाइल और आपत्तिजनक वस्तु बरामद हुई थी। जिसके बाद छात्रा को प्रिसिपल द्वारा बहुत ज्यादा प्रताड़ित किया गया था। मगर फिर भी बरेली में इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन ऑफ बरेली द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया और कहा गया कि बगैर जांच के पुलिस ने प्रिंसिपल और टीचर को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया, जबकि बहुत सारे तथ्य प्रिंसिपल और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ निकलकर सामने आए हैं।
गौरतलब है कि पिछले सोमवार को ग्यारहवीं क्लास की 16 वर्षीय छात्रा ने स्कूल की चौथी मंजिल से कूदकर जान दे दी थी। मामला कुछ इस तरह की पिछले शुक्रवार को ग्यारहवीं क्लास की छात्रा श्रेया के बैग से एक कीपैड मोबाइल मिला था साथ ही कुछ अन्य आपत्तिजनक वस्तु भी बरामद हुई थीं, जिसके बाद क्लास टीचर और प्रिंसिपल ने छात्रा के हाथ पर वह मोबाइल और अन्य आपत्तिजनक सामान रखकर कॉलेज के प्रत्येक क्लास रूम में घुमाया था और हर क्लास रूम में जाकर यह कहा कि यह देख लो इस लड़की के बैग से यह चीजें बरामद हुई है। साथ ही यह बात भी निकाल कर आई कि वह मोबाइल और वह वस्तु मृतक छात्रा श्रेया की नहीं थीं, उसके बैग में किसी अन्य लड़की ने रख दी थीं। इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी स्कूल प्रबंधन द्वारा छात्रा के अभिभावकों से कोई शिकायत नहीं की गई। अगले दिन शनिवार और रविवार को छुट्टी पड़ गई। इसके बाद सोमवार को श्रेया फिर स्कूल पहुंची। इस बार प्रिंसिपल ने उसे अपने रूम में बुलाया और अपने रूम के कैमरे को ऑफ कर दिया। बताया जाता है कि छात्रा लगभग 1 घंटे तक प्रिंसिपल के रूप में रही। प्रिंसिपल के रूम से निकलने के बाद छात्रा भागती हुई चौथी मंजिल पर पहुंची और उसने छलांग लगाकर अपनी जान दे दी। साथ ही जिस जगह पर छात्रा गिरी थी वहां से खून के निशान को भी मिटाया गया था। वहीं पुलिस ने भारी विरोध के बाद इन सारे तथ्यों के आधार पर प्रिंसिपल और क्लास टीचर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
इन्ही आरोपी क्लास टीचर और प्रिंसिपल की गिरफ्तारी के विरोध में बरेली में आज प्राइवेट स्कूल की एक संस्था इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन ऑफ बरेली द्वारा टीचर और प्रिंसिपल की गिरफ्तारी का विरोध जताया गया और कहा कि वह आगामी 8 अगस्त को सारे स्कूलों को इस विरोध में बंद रखा रखेंगे। साथ यह कहा कि उत्तर प्रदेश के सारे प्राइवेट स्कूल इस दिन बंद रहेंगे। साथ ही प्रेस नोट में मृतका श्रेया को श्रद्धांजलि देते हुए मौन रखने तथा उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने की बात लिखी है जबकि ऐसा कुछ नहीं किया गया था।
अब आपको प्राइवेट स्कूलों की कारगुजारी के बारे में थोड़ा सा बताते हैं। आप सब जानते हैं कि प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को बहुत ही ज्यादा प्रताड़ित किया जाता है। सबसे पहले तो स्कूल की फीस के नाम पर जमकर लूट की जाती है, अभिभावकों की जेब ढीली कर दी जाती है। उसके बाद किताबें भी उन्हीं की बताई जगह पर मिलेंगी, ड्रेस भी उनकी बताई जगह पर मिलेगी , यानी कि यहां से भी कमीशन के जरिए मोटी कमाई की जाती है। उसके बाद यदि स्कूल में बच्चे की फीस ना पहुंच पाई हो तो उसे प्रताड़ना झेलना पड़ती है। साथ ही अगर वह ड्रेस पहन कर ना आ पाए तो उसे सभी बच्चों के सामने जलील होना पड़ता है। कुल मिलाकर प्राइवेट स्कूलों में एक लूट का धंधा बना हुआ है। और ऐसे में अगर एक छात्रा की स्कूल प्रबंधन की प्रताड़ना की वजह से मौत हो जाती है तो यह सब लुटेरे एक हो जाते हैं और अपने साथी लुटेरे के समर्थन में विरोध करने लगते हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन ऑफ बरेली के चेयरमैन तथा अन्य सदस्यों से एक बात करना चाहते हैं कि यदि उनके बच्चों के साथ ऐसा होता तो क्या करते ? किशोरावस्था में बच्चे नादानी कर बैठते हैं , इसका मतलब यह नहीं कि स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों को इतना प्रताड़ित किया जाए कि वह आत्महत्या पर मजबूर हो जाएं।