रमज़ान में इस साल भी नहीं जा सकेंगे उमरा यात्री
🔹सऊदी सरकार की ओर से कोई गाइडलाइन जारी नहीं।
रमज़ान में उमरा यात्रा पर जाने की ख्वाहिश इस साल भी भारत से जाने वाले यात्रियों की अधूरी रह जायेगी।13 या 14 अप्रेल से रमज़ान का महीना शुरू हो जाएगा,लेकिन अभी तक उमराह यात्रा के लिये सऊदी अरब सरकार की ओर से कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई।
इधर उमराह टूर आपरेटर भी उमराह यात्रा शुरू न होने की वजह से चिंतित हैं उनके करोबार का बड़ा नुकसान हुआ हैं।
उमराह यात्रा एक इस्लामी यात्रा है और मक्का मदीना में हज के वक़्त के अलावा पूरे वर्ष में किसी भी समय किया जाता है,हर साल दुनियाभर से 19 मिलियन उमराह यात्रा पर जाते रहे हैं।
बरेली हज सेवा समिति के संस्थापक पम्मी खान वारसी ने बताया कि रमज़ान शरीफ़ के महीने में पिछले वर्षों में दुनियाभर से 50 लाख से अधिक लोग उमराह यात्रा पर जाते रहे हैं वहीं भारत से 2 लाख से अधिक लोग जाते थे और उत्तर प्रदेश से लगभग 25 हज़ार लोग एवं बरेली मण्डलभर से दो हजार और बरेली ज़िले से 500 लोग उमराह यात्रा पर जाते थे पर 2021 में रमज़ान के महीने में उमराह पर जाना मुश्किल हैं, ईद की नमाज़ भी आज़मीन मदीने शरीफ़ और मक्का शरीफ़ में अदा करते रहे हैं लेकिन इस बार कोविड-19 के चलते नहीं जा सकेंगे।
मार्च 2020 से उमराह यात्रा पर रोक लगी हुई हैं इसी साल भारत सहित 20 देशों पर कोरोना वायरस की वजह से अस्थायी प्रतिबंध सऊदी अरब सरकार की ओर से लगा हुआ हैं इसी कारण इस वर्ष भी रमज़ान के दिनों में भारत से लोग उमराह यात्रा पर नहीं जा सकेंगे।
हर वर्ष 15 से 20 लोग जाते हैं उमराह
वैसे रमज़ान शरीफ़ के महीने के अलावा भारत से पूरे वर्ष में ढाई से तीन लाख आजमीन उमराह यात्रा पर जाते थे और बात बरेली मण्डल की करें तो सालभर में 15 से 20 हज़ार लोग उमराह यात्रा पर जाते थे।
बरेली हज सेवा समिति के प्रभारी मोहसिन इरशाद ने बताया कि हदीस हैं कि रमज़ान शरीफ़ के महीने में उमराह करने का सवाब बहुत ज़्यादा हैं जैसे अल्लाह के रसूल-ए-पाक के साथ हज करने के बराबर का सवाब मिलता हैं इसलिये रमज़ान के महीने में उमराह करना एहम हैं।
बरेली हज सेवा समिति के महानगर अध्यक्ष हाजी उवैस खान ने कहा कि रमज़ान में उमराह यात्रा पर जाने की इच्छा बनाई थी पर अब लग रहा हैं कि पाबन्दी के चलते इस बार नहीं जा पाएंगे।