शराब भट्टी शिप्ट करने का विरोध , सपा जिला अध्यक्ष पर क्षेत्रवासियों को धमकाने का आरोप
बरेली । समाजवादी पार्टी के निवर्तमान जिला अध्यक्ष के खिलाफ हिंदू जागरण एकता समिति के पदाधिकारियों ने थाना कोतवाली और एसएसपी ऑफिस पहुंचकर शिकायती प्रार्थना पत्र दिया है। यह विवाद शराब की भट्टी को मंदिर परिसर की ओर शिफ्ट कराने को लेकर बताया जा रहा है। जहां पर सपा निवर्तमान जिला अध्यक्ष पर जान से मार देने की धमकी देने अपने साथियों के साथ अवैध तमंचा दिखाने का आरोप लगाया गया है। वहीं सपा के निवर्तमान जिला अध्यक्ष का कहना है कि आरोप निराधार है।
कोतवाली क्षेत्र के मलूकपुर में एक शराब की भट्टी को मंदिर परिसर की ओर शिफ्ट करने का विरोध कर पर धमकाने का आरोप लगाया गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि मानक के विपरीत शराब की भट्टी को मंदिर की ओर शिफ्ट किया जा रहा था। इसको लेकर मोहल्ले के लोगों ने विरोध जताया।वहीं इस मामले में हिंदू जागरण एकता समिति के प्रदेश अध्यक्ष मनोज सक्सेना का कहना है कि वहां पर सपा के निवर्तमान जिला अध्यक्ष शिवचरण कश्यप अपने अवैध असलाधारी साथियों के साथ पहुंच गए और जबरन वहीं पर शराब भट्टी को शिफ्ट करने की बात को कहने लगे।
बताया कि जब लोगों ने इसका विरोध किया तो सपा निवर्तमान जिला अध्यक्ष शिवचरण कश्यप ने लोगों के साथ धक्का-मुक्की की। जान से मार देने की धमकी दी।मनोज कुमार सक्सेना का कहना है कि उनके साथ भी बदसलूकी की और उन्हें भी जान से मार देने की धमकी दी।
वहीं इसको लेकर शहर कोतवाली में सपा निवर्तमान जिला अध्यक्ष शिवचरण कश्यप और उनके साथियों के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया गया है।साथ ही आज मनोज कुमार सक्सेना ने सपा के निवर्तमान जिला अध्यक्ष शिवचरण कश्यप और उनके साथियों के खिलाफ एसएसपी ऑफिस पहुंचकर प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है।
वहीं इस मामले में सपा निवर्तमान जिला अध्यक्ष शिवचरण कश्यप का कहना है कि मोहल्ले में 3 शराब की भट्टी है जिसमें एक अंग्रेजी और दो देसी शराब की भट्टी हैं। उनके मिलने वालों की यह शराब की भट्टी है। जब मुझे बुलाया गया तो मैं मौके पर पहुंचा था। वहां पर लोगों से बात की गई जिस जगह पर शराब की भट्टी को शिफ्ट किया जा रहा था वहां से 100 मीटर से ज्यादा दूरी पर मंदिर है मानक के अनुरूप ही शराब की भट्टी को 15 दिन के लिए शिफ्ट किया जा रहा था। वहां पर किसी से भी लड़ाई दंगा जैसी बात नहीं हुई है लोग वहां विरोध कर रहे थे लोगों को समझाया गया तो मान गए कुछ लोग जो वहां पर राजनीति करना चाहते थे वह मानने को तैयार नहीं थे विरोध कर रहे थे। किसी के पास कोई नाजायज असलाह नहीं था लगाया गया आरोप बिल्कुल झूठा और निराधार है।