वसीम रिजवी के खिलाफ शेरगढ़ में आरएसी की जबरदस्त कॉन्फ्रेंस
🔹बरेली इस्लामिया ग्राउंड से शेरगढ़ के लिए रवाना हुए काफिले का जगह-जगह किया गया इस्तकबाल
बरेली – ऑल इंडिया रजा एक्शन कमेटी (आरएसी) ने जुमे की नमाज के बाद शेरगढ़ में तहफ्फुज-ए-कुरान कॉन्फ्रेंस कर एक बार फिर वसीम रिजवी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग पुरजोर तरीके से उठाई। कॉन्फ्रेंस में शिरकत के लिए नायब सदर मौलाना अदनान रजा कादरी का काफिला जुमे की नमाज के फौरन बाद इस्लामिया इंटर कॉलेज के मैदान से शेरगढ़ के लिए रवाना हुआ।
रास्ते में कई जगह काफिले का किया गया इस्तकबाल
रास्ते में झुमका चौराहा, शाही, लमकन, विक्रमपुर और रमपुरा पुल पर अदनान मियां के काफिले का जबरदस्त इस्तकबाल किया गया। शेरगढ़ में तहफ्फुज ए कुरान कॉन्फ्रेंस में हजारों लोग पहले से ही मौजूद थे। मैदान खचाखच भरा हुआ था। जिधर नजर डालो उधर तमाम भीड़ नजर आ रही थी।
आसपास के इलाके की कई मस्जिदों के इमामों ने शिरकत की
इस मौके पर मौलाना अदनान रजा कादरी की सदारत में बड़ी तादाद में मुफ्ती, उलामा और आसपास के इलाकों की मस्जिदों के इमामों ने शिरकत की। अदनान मियां ने पैगाम दिया कि अगर तमाम सुन्नी मुसलमान मुत्तहिद हो जाएं तो किसी की मजाल नहीं होगी कि इस्लाम के खिलाफ एक लफ्ज़ भी बोल सके।
जुलूस निकालकर प्रशासन को सौंपा गया ज्ञापन
वसीम रिजवी के खिलाफ आरएसी ने जबरदस्त मुहिम चला रखी है। यह सिलसिला आरएसी मुख्यालय पर उलामा की बैठक से शुरू हुआ। इसके बाद मौलाना अदनान रजा कादरी की कयादत में आरएसी ने बड़ा जुलूस निकालकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा, जिसका असर बरेली ही नहीं बल्कि दूर-दूर तक पहुंचा।
कॉन्फ्रेंस में पहुंची जबरदस्त भीड़
शेरगढ़ में कॉन्फ्रेंस के लिए जमा हुई जबरदस्त भीड़ से खिताब करते हुए मौलाना अदनान रजा कादरी ने कहा कि अल्लाह तआला ने कुरान मजीद की हिफाजत का जिम्मा खुद लिया है तो कोई इंसान इसमें न एक नुक़ता बढ़ा सकता है और न ही घटा सकता है। वसीम रिजवी एक जाहिल आदमी है, उसने अगर कुरान-ए-करीम पढ़ा होता और समझा होता तो हरगिज ऐसी बकवास न करता। मौलाना अदनान रजा ने लोगों को मुत्तहिद होने का पैगाम दिया। उन्होंने कहा कि जब भी दीन, मसलक और मजहब पर कोई बात आए तो तमाम मुसलमानों को चाहिए कि एकजुट होकर मुंहतोड़ जवाब दें ताकि इस तरह की बकवास करने की आगे किसी की हिम्मत न पड़े।
सैकड़ों की तादात में अकीदतमंद भी पहुंचे
बरेली से मौलाना अदनान रजा कादरी के काफिले में मुफ्ती उमर रजा, हाफिज इमरान, मुफ्ती मुजम्मिल, मौलाना कमरुज्जमाँ, मौलाना फहीम अख्तर, अब्दुल हलीम खां, अब्दुल लतीफ कुरैशी, हनीफ अजहरी, मुशाहिद रफत, सद्दाम हुसैन, जमाल अजहरी, ताज खां, असलम प्रधान, जुनैद खां, सईद सिब्तैनी, मौलाना बाबउद्दीन, समीरउद्दीन, मजहर हुसैन, नावेद हुसैन, मुनाजिर हुसैन, नजर हुसैन, मुजफ्फर हुसैन, आसिफ हुसैन, अफजाल, राजू बाबा, आसिफ कुरैशी, आरिफ रजा, बब्बू गद्दी, राशिद अली, मोहम्मद तस्लीम, रिजवान अली, तरबउद्दीन, शाहनवाज रजा, मान्टू खां, फुरकान रजा, शोएब रजा, साकिब रजा समेत सैंकड़ों की तादाद में अकीदतमंद पहुंचे।
शेरगढ़ कॉन्फ्रेंस की इंतजामिया कमेटी में यह लोग रहे शामिल
कॉन्फ्रेंस की इंतजामिया कमेटी में आरएसी के शेरगढ़ नगर अध्यक्ष डॉ. यासीन, फहीम यार खां, आसिफ रजा, गुलफाम रजा, मोहम्मद राशिद, सय्यद इरफान मियां, आरिफ सर, मुस्तफा रजा खां, फहीमउद्दीन खां वगैरह शामिल हुए। कॉन्फ्रेंस का संचालन हाफिज इमरान रजा बरकाती ने किया।
शेरगढ़ कॉन्फ्रेंस में आसपास से आए उलामा
कॉन्फ्रेंस में शेरगढ़ और आसपास से आए उलामा में सय्यद इरफान मियां, मौलाना अनीस रजा, मौलाना मुबश्शिर अली, मौलाना राशिद अली, हाफिज मुमताज, मौलाना सरवर, मौलाना निजाम, मौलाना शाहिद, शाहवेज रजा, शाही नगर अध्यक्ष जावेद खां, मौलाना अहमद हसन, मौलाना अमीर अहमद, मौलाना शकील, हमदम फैजी, मौलाना नईम अख्तर, वाहिद नबी समेत तमाम अकीदतमंद शामिल रहे।