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मेरे ऊपर लिखाया गया मुकदमा राजनीतिक साजिश – अताउर्रहमान

बरेली । वैसे तो सच्ची घटना का मुकदमा लिखने में पीड़ित की चप्पलें टूट जाती हैं , मगर बहेड़ी की सक्रिय पुलिस ने मौजूदा बहेड़ी सपा विधायक का नाम तहरीर में आने पर कोई देरी किए बिना तत्काल प्रभाव से मुकदमा लिखने में कोई चूक नहीं की। दरअसल इस मुकदमे में बहेड़ी विधायक आताउर्रहमान का महज इसलिए नाम आया कि उन्होंने दोनों पक्षों का समझौता कराने के लिए दोनों पक्ष मेरे पास आये थे। जहांपर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई थी। मगर बाद विधायक आताउर्रहमान ने दोनों पक्षों का समझौता करा दिया। उनका कहना है राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते बहकावे में आकर उनका नाम तहरीर में शामिल किया गया था।

विधायक आता उर्रहमान

दरअसल बहेड़ी विधायक अताउर्रहमान की विधानसभा के रहने वाले भाइयों का आपस में बंटवारे को लेकर विवाद हो गया था। दोनों पक्ष विधायक अताउर्रहमान के वोटर और सपोर्टर है। एक पक्ष अपनी शिकायत लेकर विधायक अताउर्रहमान के पास पहुंचा तो उन्होंने समझौता कराने के नियत से दूसरे पक्ष को भी अपने पास बुला लिया। दोनों पक्षों में कहासुनी होने लगी तो उन्होंने बाद में बात करने की बात कहते हुए दोनों को वापस भेज दिया। इसके बाद थाना बहेड़ी में तहरीर दी गई जिस पर विधायक अताउर्रहमान सहित अन्य लोगों पर छेड़छाड़ जान से मारने की नीयत से हमला करने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया।

खबर मे क्या क्या

वो दोनों पक्ष जो आपसी विवाद को लेकर अता उर्रहमान विधायक के पास पहुंचे थे

इसके बाद अपनी गलती का एहसास होने पर तहरीर देने वाला पक्ष थाने पहुंचा तो उससे कल आने को कह कर टाल दिया गया और रात में ही मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया। दोनों पक्षों ने मीडिया को बताया कि उन्हें पता नहीं था कि तहरीर में क्या लिखा हुआ है वह अनपढ़ है बताया कि विधायक अताउर्रहमान ने उनका समझौता करा दिया है और अब वह लोग कोई कार्रवाई एक दूसरे पर नहीं चाहते हैं। विधायक अताउर्रहमान का नाम तहरीर में कैसे आया इसका उन्हें पता नहीं है।

वहीं इस मामले में विधायक अताउर्रहमान ने बताया कि कुछ ऐसा विवाद नहीं हुआ था केवल दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई थी बाद में उनका समझौता करा दिया गया। रास्ते को लेकर उनका आपस में विवाद था। आपस में भाई हैं जिनका यह विवाद हुआ था।राजनीतिक लोगों के कहने पर या उनके बहकावे में आकर थाना बहेड़ी में तहरीर दी गई थी, जिन लोगों का विवाद हुआ था वह अनपढ़ है , उन्हें पता नहीं कि तहरीर में किसका नाम लिखा गया है। इस मामले में मुकदमा लिखने वाले पक्ष की ओर से पुलिस के अधिकारियों को शपथ पत्र सहित प्रार्थना पत्र दिया गया है और मुकदमा समाप्त करने की मांग की गई है।

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