बेटियों में खेल की भावना बढ़ाने के लिए खेलों का भी आयोजन किया गया
बेटियों को समाज में महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करते हुए संदेश दिया गया कि ‘‘बेटी है तो कल है’’
बरेली। जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी द्वारा दिये गये निर्देश के क्रम में शनिवार को जिला प्रोबेशन अधिकारी नीता अहिरवार के द्वारा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के निर्देशानुसार राष्ट्रीय बालिका दिवस सप्ताह समारोह कार्यक्रम के अंतर्गत फरीदपुर में बेटियों के जन्म पर उत्तर प्रदेश महिला कल्याण विभाग द्वारा कन्या जन्मोत्सव का आयोजन किया गया।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फरीदपुर में जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अखिलेश कुमार चौरसिया, उपजिलाधिकारी पारुल तरार, एडिशनल सीएमओ हरपाल सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी नीता अहिरवार, एम.ओ.आई.सी. अनुराग गौतम, सोनम शर्मा, संध्या जायसवाल, अरुण कुमार आदि कन्या जन्मोत्सव में उपस्थित हुए। बेटियों को उपहार स्वरूप वस्त्र, मिठाई एवं अन्य उपहार प्रदान किए गए। बेटी के जन्म पर माता-पिता को बधाई और बेटियों को आशीर्वाद दिया गया।
जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी ने बेटियों के अभिभावकों से अपील की है कि बेटियों का टीकाकरण अनिवार्य रूप से कराएं, जिससे कि वह स्वस्थ रहे और शिक्षा अनिवार्य रूप से बेटियों को प्रदान करें। बेटियां शिक्षित होंगी तभी समाज बेहतर होगा, बेटियां अपना अच्छा भविष्य बनाएं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अखिलेश कुमार चौरसिया द्वारा बेटियों को आशीर्वाद दिया गया और उनके माता-पिता को बधाई दी गई और कहा कि बेटा-बेटी एक समान है। बेटी भी सभी अधिकारों की हकदार है अतः बेटियों को भी भरपूर प्यार और दुलार दें अच्छा नागरिक बनाएं।
जिला प्रोबेशन अधिकारी नीता अहिरवार ने बताया कि मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत 8 नवजात बालिका में 5 बालिकाएं अपने माता-पिता की पहली या दूसरी संतान है , जिनको मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत शीघ्र 2000 रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी साथ ही बेटियों का 1 साल का टीकाकरण पूरा हो जाएगा तो 1000 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इसके बारे में अवगत कराया और ऑनलाइन आवेदन करने के लिए अपील की। बेटियों के जन्म पर यह उत्सव निरंतर किया जाएगा।
जिलाधिकारी के निर्देश पर कन्या जन्मोत्सव का आयोजन प्रत्येक माह के प्रथम सोमवार एवं तृतीय सोमवार को किया जाएगा जिससे कि बेटी बचाओ बेटी-पढ़ाओ की इस मुहिम में बेटियों के जन्म पर उनके अभिभावकों को मिलने वाले अधिकारों एवं सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बेहतर तरीके से जागरूक किया जा सके। बेटी बचाओ बेटी-पढ़ाओ के अंतर्गत यह जागरूकता कार्यक्रम निरंतर जारी रहेंगे।
बेटी बचाओं-बेटी पढाओं योजना के अन्तर्गत राष्ट्रीय बालिका दिवस सप्ताह समारोह के क्रम में रिंकी सैनी के द्वारा राजकीय बालिका विद्यालय में कैम्प का आयोजन किया गया एवं चाइल्ड लाइन कोऑडिनेटर सौरव एवं चाइल्ड लाइन टीम के द्वारा प्राथमिक विद्यालय भण्डसर, विकाश क्षेत्र बिथरी चैनपुर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें ’’बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’’ योजना के अंतर्गत आज की गतिविधि के अंतर्गत बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की थीम पर पोस्टर प्रतियोगिता पोस्टर एवं स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया, जिसमें बेटियों ने बेटियों के प्रति अपने विचारों और भावों को चित्रों के माध्यम से चार्ट पेपर पर चित्रित किया और पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया। साथ ही बेटियों में खेल की भावना बढ़ाने के लिए खेलों का भी आयोजन किया गया , जिसमें बच्चों ने प्रतिभाग किया।
बच्चों द्वारा बहुत ही सुंदर चित्र बनाए गए और प्रतियोगिता में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया, महिला एवं बालिकाओं को बाल लिंगानुपात में सुधार हेतु अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की गयी एवं बाल संरक्षण हेतु बाल संरक्षण योजना के अन्तर्गत स्पॉन्सरशिप के बारे में अवगत कराया व ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता नहीं हैं उन्हें बाल कल्याण समिति बरेली के समक्ष प्रस्तुत कराकर किसी भी बाल गृह में रखवाया जा सकता है और यदि कोई उनका संरक्षण बनना चाहता है तो वह बाल कल्याण समिति के समक्ष ही प्रस्तुत होकर संरक्षक बनने की प्रक्रिया पूरा कर सकता है साथ ही बालिकाओं को कौशल विकास का महत्व बताया गया व समस्त सहायता नम्बर 112, 1090, 1098, 1076, 181, 102, एवं 108 के बारे मे बताया गया।
बेटियों को समाज में महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करते हुये संदेश दिया गया कि ‘‘बेटी है तो कल है’’। इस संदेश के माध्यम से बेटियाँ समाज की अमूल्य धरोहर है। बेटियों को आगे बढ़ने के लिये प्रेरित करें और बेटी बचाओ-बेटी पढाओं योजना के अन्तर्गत समाज की हिस्सेदारी बहुत ही आवश्यक है। इसके साथ ही राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर शुभकामनायें दी गई। बेटियां देश का भविष्य है, बेटी बसुन्धरा का भविष्य है, बेटियों की सुरक्षा एवं सम्मान करें यही हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य होगा।
इसके साथ ही समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा अभियान को सफल बनाया गया एवं बढ़चढ़ कर इसमें हिस्सा लिया गया। कार्यक्रम में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के कैलेण्डर भी वितरित किये गये एवं बाल लिंगानुपात, बाल संरक्षण और किशोरियों में कौशल विकास का महत्व पर ग्राम सभा/महिला सभा का आयोजन एवं सार्वजनिक इमारतोंए पंचायत कार्यालयों, घरों इत्यादि पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ संदेश के साथ स्टीकर चस्पा अभियान चलाया गया। दिनांक 23 जनवरी को बाल विवाह समाप्त करने की दिशा में धार्मिक नेताओं, समुदाये के नेताओं के साथ बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ संवेदीकरण, जागरुकता पर सामुदायिक बैठकें एवं पी.सी.पी.एन.डी.टी.एम.टी.पी. एक्ट व महिलाओं के स्वास्थ्य पोषण व कानूनों पर चर्चा की जाएगी। दिनांक 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका सम्मान समारोह एवं वृक्षारोपण किया जाएगा।