हल्द्वानी अतिक्रमण प्रभावितों को बड़ी राहत, उच्चतम न्यायालय ने 7 फरवरी तक लगाया स्टे
▪️रिपोर्ट - अल्तमश सिद्दीकी
हल्द्वानी / उत्तराखंड । उत्तराखंड के शहर हल्द्वानी में रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण की जद मे आने बाले पांच हज़ार से अधिक घरों पर बुल्डोजर चलने के मामले मे प्रभावितों को सुप्रीम राहत मिली है। नैनीताल हाईकोर्ट के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल 7 फरवरी तक स्टे लगा दिया है।
सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई अब 7 फरवरी को करेगा।हल्द्वानी के बनभूलपुरा मे रेलवे की ज़मीन पर बने करीब 5000 घरों को बुल्डोजर से ढहाने के नैनीताल हाईकोर्ट के निर्णय को लेकर पिछले 15 दिनों से वहां गहमागहमी का माहौल है।यह मुद्दा हल्द्वानी से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक और मीडिया जगत की सुर्खियां बटोर रहा है।हाईकोर्ट ने रेलवे को यहाँ 2 जनवरी को अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था।
जिसके बाद वहां रह रहे लोगों मे अफरातफरी मच गई थी।वहीं इस मसले को लेकर प्रभावितों ने हाईकोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दी थी।जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई कर हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए कहा कि वहां से इतनी बड़ी संख्या मे लोगों के घर तोड़ना मानवीय मूल्यों के खिलाफ है,हाईकोर्ट को निर्णय देते समय वहां सालों से रह रहे लोगों के मानवीय पहलू का भी ध्यान रखना चाहिए था।
इस मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन ने बहस के दौरान कहा कि अतिक्रमण की जद मे आने वाली ज़मीन का अधिकांश हिस्सा राज्य सरकार का है और हमने राज्य सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की थी।रेलवे की तरफ से पक्ष रखते हुए एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने शीर्ष न्यायालय को बताया कि कुछ अपील पेंडिंग हैं, लेकिन किसी भी मामले मे कोई रोक नहीं है।
जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कई बर्षों से लोग वहां रह रहे हैं, उनके पुनर्वास के लिए कोई स्कीम? आप केवल 7 दिनों का समय दे रहे हैं और कह रहे हैं कि ज़मीन खाली करो,यह मानवीय पहलू से जुड़ा मामला है और इसमें कुछ व्यवहारिक समाधान खोजने की ज़रूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा कि उत्तराखंड सरकार का इस मुद्दे पर क्या स्टैंड हैं ? शीर्ष अदालत ने यह भी पूछा कि जिन लोगों ने नीलामी मे ज़मीने खरीदी है, उनको कैसे डील करोगे,लोग 50-60 सालों से वहां रह रहे हैं, उनके पुनर्वास की कोई योजना है?वहीं इस मसले पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि हमने पहले भी कहा है यह रेलवे की ज़मीन है,हम कोर्ट के आदेशानुसार आगे बढ़ेगें।इस मामले मे सुप्रीम कोर्ट अब सुनवाई 7 फरवरी को करेगा