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9 वें मोहर्रम को शहर में जगह-जगह हुसैनी लंगर की सबीले

बरेली । 9वें मोहर्रम को बरेली में जगह जगह हुसैनी लंगर की सबीले लगाई गईं। इमाम हुसैन आलीमुक़ाम कर्बला के 72 शहीदों की याद में सबीलो का आयोजन किया गया। किला,खन्नू मोहल्ला, घेर शेख मिट्ठू,ज़खीरा,मलूकपुर बज़रिया,बिहारीपुर,करोलान,ख़्वाजा कुतुब से लेकर सुभाष नगर पुरवा बब्बन ख़ाँ,पुराने शहर, काँकर टोला, कोट,बज़रिया इनायतनगंज,शाहदाना, शाहमतगंज,सैलानी,जगतपुर आदि सहित शहरभर में लंगर की सबीले लगाई। राहगीरों और अकीदतमंदों को दाल रोटी,शीरमाल,बिरयानी,बिस्कुट,चिप्स,शर्बत आदि बांटा।

जनसेवा टीम के अध्यक्ष पम्मी खान वारसी ने कहा कि हज़रत इमाम हुसैन ने दुनियाभर को अमन का पैग़ाम देते हुए मोहब्बत और एक दूसरे की मदद की सीख दी है।

अहमद उल्लाह वारसी,मोहम्मद शादाब,मोहम्मद ऐजाज़,फाहद जीशान रुफी,हाजी अज़मी शकील,सीटू,ज़फर अनवर,मोहम्मद शोएब, नदीम खान,गुलज़ार खान,उस्मान खान,इसराफिल खान,सैफ उल्लाह खान,नसीम अहमद खां, हाजी यासीन कुरैशी,आसिम हुसैन क़ादरी आदि सहित लोगों ने लंगर की सबीले लगाई।

मलूकपुर पूर्व पार्षद मरहूम मो नासिर के बेटे मोहम्मद शोएब ने बताया कि 1937 से रोज़ा-ए-मुबारक सजाया जाता रहा है। इस बार इस रोज़े को 5वीं पीढ़ी ने सजाया है।इस मौके पर अकीदतमन्दो काफ़ी भीड़ जमा रही। इसी तरह जगह जगह रोज़े सजे और लोगों ने तख्त ताजियों के साथ साथ मलूकपुर के इमामबाड़ा फ़तेहनिशान सुभाष नगर बब्बन खान का पुरवा का इमामबाड़ा अभी तक मन धोने हाजिरी थी और जिक्रे हुसैन हुआ।

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