शहर में पेड़ों के कटान पर रोक लगाने की कमिश्नर से की मांग
बरेली – डेलापीर से एयरफोर्स रोड और बदायूँ रोड पर सैकड़ों पेड़ों पर बीडीए और पीडब्ल्यूडी द्वारा आरी चलाये जाने की खबर सुनकर शहर के पर्यावरण प्रेमियों ने जन कल्याण समिति के बैनर तले आज पूर्वाह्न 11 बजे मण्डलायुक्त सेल्वा कुमारी जे को ज्ञापन देकर शहर के पेड़ों के कटान पर रोक लगाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर 8 फुट चौड़े डिवाइडर और बड़ी रोटरी बनाने के लिये पेड़ों का कटान रोका जाए। शहर का नगण्य .01% वन क्षेत्र, हर साल 35 सेमी से अधिक गिरता जल स्तर, बढ़ती गर्मी, वायु प्रदूषण के अलावा शहर की जैव विविधता पर पड़ने वाले प्रभाव के मुद्दों को उठाया गया है। कम ट्रैफिक वाली सड़कों जैसे महिला थाना रोड आदि को चौड़ा करने के लिये पाकड़, पीपल, सागौन, गुलमोहर, नीम, सेमल के दशकों पुराने वेशकीमती पेड़ों को काट दिया गया।
10 गुना पेड़ लगाने के नाम पर नगर निगम द्वारा आईवीआर आई रोड पर लगाये गए पेड़ एक हफ्ते में सूख गए हैं, यही हाल अन्य सरकारी वृक्षारोपण का होता है। बरेली से काटे पेड़ों की जगह पर पीलीभीत और नजीबाबाद में पेड़ लगाने से इस शहर को कोई लाभ नहीं होगा, जैसा कि वन विभाग कर रहा है। सड़कों से अतिक्रमण, बीच मे खड़े बिजली के पोल तक को हटाने की बजाय पेड़ काटने में तेजी दिखाई जा रही है जबकि सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक ये आखिरी विकल्प होना चाहिए।
यही नहीं पेड़ों के ट्रांसलोकेशन में भी मानकों का पालन न कर खानापूरी की गई है। सरकार से माँग की गई कि किसी भी इलाके में पेड़ों को काटने का फैसला करने से पहले जनसुनवाई आयोजित कर स्थानीय जनता के पक्ष को जरूर सुना जाए। मण्डलायुक्त ने सभी बिंदुओं पर विचार करने का आश्वासन दिया है। इस अवसर पर डॉ. प्रदीप के साथ बरेली ट्रेड यूनियन फेडरेशन के महामंत्री संजीव मेहरोत्रा, समाजसेवी मयंक शुक्ला मोंटी व लॉ स्टूडेंट्स प्रतीक शर्मा मौजूद रहे।