स्वास्थ्य केन्द्रों पर जांची गयी गर्भवती की सेहत
बरेली- गर्भवती को प्रसव पूर्व जांच एवं उपचार की सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का आयोजन सोमवार को किया गया । इस दिन एसीएमओ डॉ. आर
एन गिरि ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र क्यारा और एसीएमओ डॉ. अशोक कुमार ने अर्बन यूपीएचसी नदौसी अर्बन पीएचसी सीबीगंज और गंगापुरम पीएचसी का निरीक्षण किया और वहां मौजूद गर्भवती महिलाओं से बातचीत कर उनकी सामान्य परेशानियों की जानकारी ली।
जिला अस्पताल की डॉ. शैव्या ने बताया कि प्रसव पूर्व जांच उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था में होने वाले खतरों से बचाती है । किसी भी गर्भावस्था में जहां जटिलताओं की संभावना अधिक होती है उस गर्भावस्था को हाई रिस्क प्रेगनेंसी या उच्च जोखिम वाली गर्भवस्था में रखा जाता है। और इसका पता लगाने के लिए प्रशिक्षित डॉक्टर्स के द्वारा प्रसव पूर्व तीन सम्पूर्ण जांच कराना बहुत जरूरी होता है। जिससे कि समय रहते इसका पता लगाकर, इससे होने वाले खतरों से गर्भवती को बचाया जा सके।
केंद्र में आने वाली गर्भवती महिलाओं की एचआईवी, वजन, ब्लड प्रेशर , हीमोग्लोबिन, शुगर व अन्य जांच की गई है, ताकि गर्भवती महिलाएं और उनका होने वाला बच्चा स्वस्थ रहें । गर्भवतीयों को बताया कि एनीमिक श्रेणी म उन्हें अधिक मात्रा में फल और हरी सब्जियां खाना चाहिए इस वक्त पालक, चौराई का साग बाजार में मिल रहा है उसका सेवन अधिक से अधिक किया जा सकता है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान पर गर्भवती महिलाओं को सही समय पर आयरन, फोलिक एसिड और पौष्टिक खानपान के बारे में बताया जाता है।
कोरोना से बचाव जरूरी
एसीएमओ डॉ. आरएन गिरी ने क्यारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण करते हुए वहां मौजूद गर्भवती महिलाओं को बताया कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर और प्रतिरक्षा प्रणाली में परिवर्तन के कारण वह श्वसन संक्रमणों से प्रभावित हो सकती हैं । इसलिए जरूरी है कि वह विशेष सावधानी बरतें ताकि वह और उसके गर्भ में पल रहा बच्चा सुरक्षित रह सकें । इसके बाद भी तेज बुखार, खांसी या सांस लेने में दिक्कत महसूस होने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें । गर्भवती महिलाओं को कोविड के संक्रमण से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को जानकारी दी गई की साबुन-पानी या सेनेटाइजर से हाथों को बार-बार साफ़ करते रहना चाहिए । एक दूसरे से दो गज की दूरी बनाकर रखें और भीडभाड वाले स्थानों पर जाने से बचें, नाक-मुंह और आँख को छूने से बचें । खांसी या छींक आने पर मुड़ी हुई कोहनी से अपने मुंह और नाक को ढकें । इस्तेमाल किये गए टिशु पेपर को तुरंत ढक्कन वाले कूड़ेदान में डालें । घर से बाहर तभी निकलें जब बहुत जरूरी हो, इस दौरान मास्क से मुंह व नाक को अच्छी तरह से ढककर रखें।
लाभार्थी
बड़ा बाजार निवासी नवनीता ने बताया कि वह सात माह गर्भवती हैं उनका इलाज शुरू से ही जिला अस्पताल में चल रहा है। शुरुआत में उनका हीमोग्लोबिन कम था लेकिन इलाज से अब सामान्य हो गया है। वही शामगंज निवासी फराह ने बताया कि वह अपनी सामान्य जांचे कराने आई हैं। उन्होंने बताया कि यहां पर चिकित्सक सारी दवाइयां इंजेक्शन और खान पान के बारे में बहुत अच्छी जानकारी देते हैं।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) का उद्देश्य
आम तौर पर, जब एक महिला गर्भवती होती है तो वह विभिन्न प्रकार की बीमारियों जैसे- रक्तचाप, शुगर और हार्मोनल रोगों से ग्रस्त हो जाती हैं । इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छे स्वास्थ्य और स्वतंत्र जांच प्रदान करने के साथ स्वस्थ बच्चे को जन्म देने का प्रयास है ।
किसी महिला को मिला ग्रीन किसी को मिलेगा लाल स्टिकर
यह योजना केवल गर्भवती महिलाओं के लिए लागू है । हर महीने की 9 और 24 तारीख को नि: शुल्क स्वास्थ्य जांच की जाती है । महिलाओं को उनके स्वास्थ्य समस्याओं के आधार पर अलग चिन्हित किया जाता है। जिससे डॉक्टर आसानी से समस्या का पता लगा सकते हैं ।
इस अभियान के अंतर्गत इन क्लीनिकों पर एमसीपी कार्ड अनिवार्य रूप से भरे जाने चाहिए और एक स्टीकर जो गर्भवती महिलाओं की हालत और जोखिम कारक का संकेतक है प्रत्येक विजिट के लिए उसे एमसीपी कार्ड पर जोड़ा जायेगा।
ग्रीन स्टीकर – उन गर्भवती महिलाओं के लिए जिनको किसी प्रकार का खतरा नहीं है।
लाल स्टीकर – महिलाओं के लिए जो उच्च जोखिम गर्भावस्था के साथ है।
ब्लू – उन महिलाओं के लिए जिनको गर्भावस्था के साथ उच्च रक्तचाप(हाइपरटेंशन) है।
पीला – उन महिलाओं के लिए जिनको गर्भावस्था के साथ मधुमेह, हाइपोथायरायडिज्म, एसटीआई की स्थिति है I