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वकीलों और लोगों के खिलाफ कठोर आतंकवाद विरोधी कानून (यूएपीए) शर्मनाक:सलमान मियां

बरेली : सुन्नीयो का सबसे बड़ा मरकज़-ए-अहले सुन्नत दरगाह आला हजरत बरेली शरीफ के उलेमा-ए-किराम ने त्रिपुरा दंगो को लेकर कड़ी निन्दा की और कहा कि त्रिपुरा पुलिस सामाजिक कार्यकर्ताओं व मजहबी संगठनो को जिस तरह से परेशान कर रही है और उन पर बेबुनियाद मुक़दमे लगा रही है यह ग़ैर संवैधानिक है,भारत एक लोकतान्त्रिक देश है जिसमे हर एक नागरिक को शांति से अपनी बात रखने का हक़ है यह हक़ त्रिपुरा पुलिस उनसे छीन रही है। जोकि यह ग़ैर कानूनी है।

जमात रजा-ए-मुस्तफा के हेड ऑफिस में उलेमा-ए-किराम की बैठक हुई जिसमे उलेमा-ए-किराम ने त्रिपुरा हमले की कड़ी मज़म्मत की। वही जमात रज़ा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान मिया ने त्रिपुरा दंगो की कड़ी निंदा करते हुए कहा इस वक्त देश में भय का माहौल है। त्रिपुरा में हालात बेकाबू है। इसी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की एक स्वतंत्र तथ्य-खोज टीम ने त्रिपुरा का दौरा किया और त्रिपुरा दंगो में दुकानों और कुछ मस्जिदों में कथित तोड़फोड़ की घटनाओं पर असंतोष व्यक्त किया और उसको सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।

त्रिपुरा पुलिस ने इसको सज्ञान में लेकर उन पर विभिन्न झूटे आरोपों के तहत मामला दर्ज किया।आपराधिक साजिश, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और सोशल मीडिया पोस्ट को तत्काल हटाने और 10 नवंबर तक त्रिपुरा पुलिस के समक्ष रिपोर्ट करने के लिए कहा, हम इसकी कड़ी मज़म्मत करते हैं और ये देश सविधान से चलता है किसी को भी डर दिखाकर उसकी आवाज़ बंद नहीं कर सकते। इनके खिलाफ लगाए गए झूटे मुक़दमे त्रिपुरा पुलिस वापस ले।

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