पत्नी के मायके जाने से परेशान युवक ने की आत्महत्या, फांसी लगाकर दी जान
बरेली युवक आत्महत्या की घटना से सनसनी, पुलिस जांच में जुटी

बरेली : बारादरी थाना क्षेत्र से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां घरेलू कलह और मानसिक तनाव के चलते एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। युवक की पत्नी एक महीने पहले मायके चली गई थी, जिसके बाद वह गहरे अवसाद में चला गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और मामले की जांच शुरू कर दी है।
शराब की लत बनी विवाद की वजह
मिली जानकारी के अनुसार, मृतक इमरान पुत्र मोहम्मद इलियास बरेली के मोहल्ला शेर अली गौटिया का निवासी था। वह अपने माता-पिता और दो भाइयों के साथ मकान में रहता था। इमरान अपनी पत्नी गुलफ्सा बेगम और एक बेटे के साथ मकान की ऊपरी मंजिल पर रहता था। बताया जा रहा है कि इमरान को शराब पीने की लत थी, जिसके चलते उसका अक्सर पत्नी से झगड़ा होता रहता था। इन घरेलू झगड़ों से तंग आकर लगभग एक महीने पहले गुलफ्सा अपने बेटे को लेकर पीलीभीत के पूरनपुर थाना क्षेत्र स्थित अपने मायके चली गई थी।
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मानसिक तनाव में आकर उठाया खौफनाक कदम
पत्नी के जाने के बाद से ही इमरान मानसिक रूप से टूट गया था। अकेलेपन और पारिवारिक तनाव के चलते वह अवसाद में रहने लगा था। घरवालों ने बताया कि वह पहले से ही गुमसुम रहने लगा था और किसी से ज्यादा बातचीत नहीं करता था। शनिवार को जब काफी देर तक वह नजर नहीं आया, तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। इसी दौरान ऊपर के कमरे से बदबू आने पर परिवार को शक हुआ।
शव से बदबू आने पर हुआ खुलासा, पुलिस ने पोस्टमार्टम को भेजा शव
परिजनों ने जब ऊपर जाकर कमरे का दरवाजा खटखटाया तो कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची बारादरी पुलिस ने दरवाजा तोड़कर देखा तो इमरान की लाश पंखे से लटकी मिली। उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने शव को नीचे उतारकर कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। फिलहाल पुलिस आत्महत्या के पीछे के कारणों की गहन जांच कर रही है।
पारिवारिक तनाव बना आत्महत्या की मुख्य वजह
प्रथम दृष्टया आत्महत्या का कारण पारिवारिक तनाव और पत्नी के मायके चले जाने के बाद उत्पन्न मानसिक परेशानी मानी जा रही है। परिजनों ने भी बताया कि इमरान इन दिनों काफी परेशान चल रहा था और नशे की आदत के चलते खुद को संभाल नहीं पा रहा था। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
यह घटना एक बार फिर यह सोचने को मजबूर करती है कि घरेलू तनाव और मानसिक समस्याओं को नजरअंदाज करना किस हद तक खतरनाक हो सकता है। समाज में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता और पारिवारिक संवाद की आवश्यकता पहले से कहीं ज्यादा महसूस की जा रही है।