नए 3 कानून (law) हुए लागू , अब लोगों को समय पर मिलेगा न्याय-एडीजी बरेली जोन
आज से पूरे भारत में लागू हुए 3 नए कानून (law) लागू हुए हैं । पूरे भारत में लागू हुए नए कानून (law) के बारे में जागरूक किया जा रहा है । इसी क्रम में बरेली की शहर कोतवाली में अपर निदेशक अभियोजन और एडीजी बरेली जोन ने गणमान्य लोगों को इन कानून (law) के बारे में बताया तथा ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया गया। उन्होंने कहा कि नए कानून (law) के बारे में लोगों को जागरूक करने को लेकर प्रत्येक थाने में क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों को बुलाकर नए कानून (law) की जानकारी दी जा रही है। और यह क्रम अभी चलता रहेगा।सभी लोगों को इन नए कानून (law) के बारे में जागरूक किया जाएगा।
बरेली : पूरे भारत में आज 3 नए कानून (law) लागू किए गए है जोकि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम हैं। इसी को लेकर पूरे उत्तर प्रदेश के सभी थानों में जनता को जागरूक किया जा रहा है। इसी क्रम में आज शहर कोतवाली में एडीजी बरेली जोन रमित शर्मा ने लोगों को जागरूक किया और लागू हुए तीनों नए कानूनों के बारे में बताया।
150 साल पुराने कानून (law) किया गया है बदलाव , आज के युग के हिसाब से तकनीकी चीजों को किया गया है शामिल
मीडिया से बात करते हुए एडीजी बरेली जोन रमित शर्मा ने कहा कि जो कानून (law) अब तक भारत में लागू थे, वह लगभग 150 साल पुराने थे। अब नए तीन कानून लागू किए गए हैं इन कानूनों से लोगों को न्याय पाने में सहूलियत मिलेगी और यह तकनीकी युग है, इसमें तकनीक को भी समावेशित किया गया है।
इस कानून (law) के तहत लोगों को बहुत राहत मिलेगी तथा लोगों को न्याय दिलाने में यह कानून बहुत ही सहयोगी साबित होंगे। उन्होंने कहा कि आज हुए प्रोग्राम में गणमान्य लोगों को शामिल किया गया है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को बुलाकर इन कानून के बारे में जागरूक किया गया है। जो कानून (law) अब तक लागू थे वह बहुत ही पुराने थे नए युग के हिसाब से इन कानूनों को लागू किया गया है और लोगों को लगातार इन कानूनों के बारे में जागरूक किया जाता रहेगा।
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लागू हुई नए कानून (law) में भारतीय संस्कृति को ध्यान में रखा गया है
लागू किए तीनों नए कानून (law) पर अपर निदेशक अभियोजन अधिकारी अवधेश पांडे ने कहा कि अब जो 3 नए कानून लागू किए गए हैं , इन कानूनों से भारतीय संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा।
पहले के कानून में भारतीय दंड संहिता कानून था, जबकि अब भारतीय न्याय संहिता , भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम कानून बनाए गए हैं पहले के कानून में जो दंड शब्द का इस्तेमाल किया गया था अब नए कानून में न्याय शब्द का इस्तेमाल किया गया है इन कानून (law) से सभी को न्याय मिल सकेगा। अब इन कानूनों को अंग्रेजी में नहीं बोला जाएगा हिंदी में ही इन कानूनों का नाम लिया जाएगा।
इन कानूनों (law) के माध्यम से लोगों को न्याय पाने में बहुत ही आसानी होगी। साथ ही बताया पहले ऐसा होता था कि जिस जगह पर अपराध घटित होता था उसी थाने में एफआईआर दर्ज हो पाती थी अब कहीं पर भी रहकर एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है और इस एफआईआर का नाम जीरो एफआईआर होगा।
जो ई एफआईआर दर्ज की जाएगी उसमे 3 दिन के अंदर वादी को थाने में पहुंचकर अपने हस्ताक्षर करना होंगे। अब लोगों को समय पर न्याय मिल पाएगा इन कानून (law) के जरिए लोगों के न्याय पाने का समय मुकर्रम कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी दृष्टि से बनाए गए नए कानून बहुत ही सही कानून हैं और सभी इसकी सराहना कर रहे हैं।
कानूनी जानकारों का कहना किसी न किसी समय नए कानून (law) बड़ी संख्या को करेंगे प्रभावित
भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम तीन नए कानून (law) आज से लागू हो गए हैं। इन कानूनों ने अब आईपीसी की जगह ले ली है। इसी पर कई कानूनी जानकार अपनी अलग-अलग राय दे रहे हैं। अपनी राय में बता रहे हैं कि न्याय करने वाली एजेंसियों, न्यायिक अधिकारियों और कानूनी पेशेवरों के आगे बड़ी चुनौती खड़ी होगी। कानूनी सलाहकारों का कहना यह भी है कि यह कानून किसी न किसी समय बड़ी संख्या को प्रभावित करेंगे।