कारगिल शहीद कमलेश सिंह का 22 वां शहादत दिवस
गाजीपुर : कारगिल युद्ध, जिसे ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है, भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई 1999 के बीच कठिन परिस्थितयो में कश्मीर के करगिल जिले में हुए सशस्त्र युद्ध के रूप में, जिसमें बिरनो थाना के भैरोपुर गाँव के लाल कमलेश सिंह ने देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी थी, आज उनका बाईसवाँ शहादत दिवस बिरनो तिराहे पर क्षेत्र की जनता द्वारा आधिकारिक रूप से मनाया गया।
विदित हो कि 1999 का कारगिल युद्ध बहुत ही कठिन परिस्थितियों में लड़ा जाने वाला एक सशस्त्र संघर्ष था, जिसमें भारतीय सेना ने अपने शौर्य का परिचय देते हुए कारगिल विजय हासिल की थी, और उसमें कुल 527 जवानों की शहादत हमेशा भारत में याद की जाएगी, उन्ही शहीदों में वीर शहीद कमलेश सिंह भी हैं, जिनके भतीजे योगेश सिंह ने बताया कि आज उनके चाचा जी का 22 वां शहादत दिवस है, उन्होंने देश की आन बान शान के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
उन्होंने देश वासियों और खास तौर से युवाओं से आह्वान किया कि वे देश की आम जनता शहीद कमलेश सिंह से प्रेरणा लेते हुए भारत माता को परम वैभव शाली बनाए रखने के लिए दिन रात प्रयत्न करें, यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर ग्राम वासियों, क्षेत्रवासियों, क्षत्रिय महासभा के साथ तमाम सामाजिक संगठन और क्षेत्रीय पुलिस जन भी उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।